साढ़े तेरह हजार से ज्यादा पर कार्रवाई का दावा- सरकारी आंकड़ों के अनुसार आवारा पशुओं को पकडऩे रोजाना मुहिम चलाई जा रही है। अब तक साढ़े तेरह हजार से ज्यादा आवारा पशुओं पर कार्रवाई का दावा किया जा रहा है। जबकि हकीकत ये है कि गली, मोहल्लों से लेकर सार्वजनिक स्थलों पर आवारा पशुओं का आतंक कम नहीं हो रहा है। निगम से मिली जानकारी के अनुसार साढ़े छ: हजार आवारा कुत्ते पकड़कर उनका बंधियाकरण कराया गया। इसी तरह से नौ पिग हाउस तोडऩे व दो हजार से ज्यादा आवारा ***** पकड़कर शहर से बाहर छोड़ा गया। साढ़े तीन हजार आवारा मवेश पकड़कर तिलवारा गौशाला में पहुंचाने की बात कही जा रही है।
कानपुर की टीम को बंदर पकडऩे का जिम्मा- उत्पाती बंदरों को पकडऩे का जिम्मा कानपुर की एजेंसी साईं इंटरप्राइजेज को सौंपा गया है। जिसके द्वारा गढ़ा ग्वारीघाट व अन्य क्षेत्रों में बंदरों को पकडऩे आठ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। दावा किया जा रहा है कि बड़ी संख्या में बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया है। निगम की ओर से संदेश भी प्रसारित किया जा रहा है उत्पाती बंदरों को पकडऩे सूचना हेल्पलाइन नं 181 व फायर ब्रिगेड के फोन नं 2610917 में भी दी जा सकती है।
——– टॉस्क फोर्स समिति गठित-आवारा पशुओं के प्रबंधन व नियंत्रण के लिए जिला स्तरीय टॉस्क फोस समिति का गठन किया गया है। जिसमें अपर कलेक्टर संदीप जीआर, एएसपी अमृत मीणा को शामिल किया गया।
——— वर्जन- आवारा पशुओं को पकडऩे की लगातार कार्रवाई की जा रही है। हेल्पलाइन नं.भी जारी किया गया है, जिससे जानकारी देकर टीम को मौके पर बुलाया जा सके। सभी कैचर गैंग को निर्देशित किया है कि कार्रवाई को और गति दें।
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम