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जबलपुर

बिजली बिल इनकी वजह से भी आ सकता है छप्पर फाड़कर

शहर में हर महीने २५ से ३० हजार लोगों को लग रही चपत, क्रॉस चैकिंग में खुली पोल, फेडको का नया खेल, हर फीडर में ढाई से तीन सौ लोगों को जारी कर दिए जीरो

जबलपुरMar 30, 2018 / 11:45 pm

santosh singh

बिजली बिल इनकी वजह से भी आ सकता है छप्पर फाड़कर

बिजली बिल इनकी वजह से भी आ सकता है छप्पर फाड़कर

जबलपुर. शहर में आपके घरों की स्पॉट बिलिंग करने वाले प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों की कामचोरी आपकी जेबों पर भारी पड़ रही है। हो ये रहा है कि फेडको कंपनी के कर्मचारी हर घर की बिजली मीटर की रीडिंग तय समय पर नहीं कर पा रहे हैं और इसके चलते कई घरों में ताला बताकर वे रीडिंग शून्य दर्ज कर लेते हैं। इस बार तो उपभोक्ता को बिल कम मिलने से वो खुश हो जाता है, लेकिन अगली बार यह रीडिंग उपभोक्ता के बढ़े हुए स्लैब में आ जाती है और फिर बिल छप्पर फाड़कर आता है। इस समय उपभोक्ता की आंखें फटी रह जाती है और फिर उसे पूरा माजरा समझ में आता है।

ऐसे हुआ खुलासा

सिटी सर्किल के अफसरों ने फेडको कंपनी की ओर से की जा रही मीटर रीडिंग की क्रॉस चैकिंग की तो इस तरह के करीब 25 से 30 हजार उपभोक्ताओं के मामले सामने आए।

नया पैंतरा

स्पॉट बिलिंग करने वाले फेडको कम्पनी नया पैंतरा अपना रही है। सभी उपभोक्ताओं के घरों तक तय समय-सीमा में न पहुंच पाने की स्थिति में एेसे उपभोक्ताओं की खपत जीरो दर्शा दे रही है। रिकॉर्ड में बताया जाता है कि इन उपभोक्ताओं के घर बंद मिले। एेसा खेल हर फीडर में किया जा रहा है। यह संख्या ढाई से तीन सौ उपभोक्ताओं की है। इन उपभोक्ताओं को अगले बिल में इसकी चपत स्लैब बदलने से लग रही है। शहर में एेसे उपभोक्ताओं की संख्या २५ से ३० हजार बतायी जा रही है।

98 फीडरों में शहर को बांटा

फेडको का यह खेल सिटी सर्किल के अधिकारियों ने क्रॉस चैकिंग में पकड़ी। पश्चिम सम्भाग के अंतर्गत आने वाले राइट टाउन व नेपियर टाउन इलाके में लॉक बताए गए घरों को चेक कराया तो पता चला कि वहां स्पॉट बिलिंग करनेकोई पहुंचा ही नहीं था। शहर में अधिकतर उपभोक्ताओं के मीटर घरों के बाहर लग चुके हैं। इसके बावजूद जीरो की खपत दिखाकर घर को लॉक दर्शा देने का खेल किया जा रहा है। शहर को ९८ फीडरों में बांटा गया है। हर महीने २५ से ३० हजार लोगों के बिल जीरो खपत के जारी किए जा रहे हैं।

उपभोक्ताओं को इस तरह लग रही चपत

गर्मी के चलते बिजली की खपत बढऩे लगी है। घर लॉक दिखाकर जीरो खपत का बिल जारी करने पर उपभोक्ता को औसत बिल जारी किए जाते हैं। औसत खपत पिछले तीन महीने में बिजली खर्च को आधार बनाकर निकाला जाता है। ठंड में लोगों की खपत वैसे ही कम थी। जब अगला बिल आएगा तो उसकी खपत वैसे ही बढ़ी हुई होगी। बिजली कम्पनी ने ऊर्जा प्रभार से लेकर फिक्स चार्ज को यूनिट खर्च के अनुसार अलग-अलग स्लैब में बांटा है। एक यूनिट भी अधिक होने से जहां ऊर्जा चार्ज अधिक लग जाता है। वहीं फिक्स चार्ज में आधा किलोवाट के शुल्क की चपत लगती है।

ठेका कंपनी को चेताया

सिटी सर्किल अधीक्षण अभियंताआईके त्रिपाठी ने बताया,फेडको की ओर से घरों में लॉक बताकर जीरो खपत के बिल निकालने पर उसकी क्रॉस चैकिंग करायी जाती है। कई मामलों में फेडको की लापरवाही मिली है। ठेका कम्पनी को कार्यप्रणाली सुधारने की चेतावनी दी गई है।

इस तरह तय होता है बिजली बिल
– खपत यूनिट में-ऊर्जा प्रभार-फिक्स चार्ज
– 0 से 50-3.85 रुपए-50 रुपए प्रति कनेक्शन
– 51 से 100-4.70 रुपए-90 रुपए प्रति कनेक्शन
– 101 से 300-6.00 रुपए-100 रुपए प्रति आधा किलोवॉट
– 301 से अधिक-6.30 रुपए-110 रुपए प्रति आधा किलोवॉट
(75 यूनिट को आधा किलोवाट माना गया है)

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