जबलपुर

ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से अधिक करने पर रोक बरकरार

हाईकोर्ट ने 17 फरवरी को नियत की अंतिम सुनवाई

जबलपुरJan 08, 2021 / 08:05 pm

गोविंदराम ठाकरे

court

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने राज्य में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर अंतरिम रोक बनाए रखी। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने अंतिम सुनवाई के पहले सभी पक्षकारों को लिखित बहस प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
जबलपुर निवासी असिता दुबे और अन्य की ओर से याचिकाएं दायर कर कहा गया कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी वाले फैसले में स्पष्ट किया है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता । सुप्रीम कोर्ट ने 9 सितंबर 2020 को महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिए गए 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण को निरस्त कर दिया है। इसके बावजूद ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिए जाने से आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत को पार कर गई है। वहीं ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से भी याचिका दायर कर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का समर्थन किया गया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, ब्रहमेन्द्र पाठक व हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर पी. सिंह ने पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव हाजिर हुए।

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