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66 करोड़ का लक्ष्य, चार करोड़ भी नहीं वसूले

locationजबलपुरPublished: Sep 13, 2019 12:20:18 am

Submitted by:

gyani rajak

चेतावनी और नोटिस के बाद भी राजस्व वसूली में फिसड्डी हैं जिले की तहसीलें

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जबलपुर. राजस्व वसूली में जिले की सभी तहसीलें बहुत पीछे हैं। प्रत्येक समीक्षा बैठक में तहसीलदारों को खरी-खोटी सुनाई जाती है। उन्हें नोटिस देने की चेतावनी तक दी जा चुकी है, लेकिन वसूली का पहिया तेजी से नहीं भाग रहा है। शासन ने जिले को करीब 66 करोड़ रुपए का राजस्व वसूली का लक्ष्य दिया है। वित्तीय वर्ष के छह माह बीतने को हैं, फिर भी वसूली आंकड़ा साढ़े तीन करोड़ यानि छह फीसदी के करीब ही पहुंचा है। ऐसे में अगले छह महीने चुनौती भरे होंगे।

प्रशासन अलग-अलग मदों में व्यक्तियों के साथ ही संस्थाओं से राजस्व की वसूली करता है। शासन हर साल जिले के लिए राजस्व का लक्ष्य तय कर देता है। फिर स्थानीय प्रशासन उसे राजस्व क्षेत्रों के हिसाब से विभाजित कर देता है। यानि तहसीलवार लक्ष्य बनाकर, इन्हें वसूलने की जिम्मेदारी सम्बंधित तहसीलदार को दी जाती है।बीती समय सीमा समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने कम वसूली वाली तहसीलों के एसडीएम और तहसीदारों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। आरओ बैठक में भी वसूली के लिए चेताया गया था, लेकिन वसूली में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा।

कुंडम तहसील पीछे
वसूली में कुंडम तहसील की स्थिति सबसे खराब है। शहपुरा भी पीछे है। इन तहसीलों की अपेक्षाकृत जबलपुर और अधारताल तहसील वसूली में ठीक है। ज्ञात हो कि 66 करोड़ के लक्ष्य में सबसे ज्यादा राजस्व रांझी को वसूलना है। इसका लक्ष्य करीब 14 करोड़ रुपए है। वहीं अधारताल एवं गोरखपुर के पास 13-13 करोड़ का लक्ष्य है।

तहसील- लक्ष्य- वसूली- प्रतिशत

जबलपुर- 02- 25- 12.50
पनागर- 6.50- 27.45- 4.25

पाटन- 4.50- 11.85- 2.65
सिहोरा- 4.50- 21.40- 4.76

शहपुरा- 4.50- 7.62- 1.71
कुंडम- 02- 1.13- 0.57

मझौली- 02- 5.97- 3.00
गोरखपुर- 13- 57.08- 4.40

अधारताल- 13- 99.76- 7.70
रांझी- 14- 79.62- 5.70

(नोट लक्ष्य करोड़ रुपए में वसूली का आंकड़ा लाख रुपए में)

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