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प्रदेश में जिला अदालत ने वीडियो कॉन्फेंसिंग से सुना पहला मामला

locationजबलपुरPublished: Apr 17, 2020 09:29:20 pm

जज, आरोपी के वकील और अभियोजन अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में मोबाइल फोन से जुड़े

Confusion over e-filing of cases in High Court

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जबलपुर. राज्य की न्यायपालिका में क्रांति का शुक्रवार को सूत्रपात हुआ। प्रदेश में पहली बार किसी जिला अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए विचाराधीन मामले की सुनवाई की। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में हिस्सा लेने वाले जज, आरोपी के वकील और अभियोजन अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में मोबाइल फोन के जरिये जुड़े।
ऐप से डीजे को भेजा आवेदन
स्टेट बार काउंसिल के निवर्तमान चेयरमैन शिवेंद्र उपाध्याय ने बताया कि उनके एक पक्षकार के खिलाफ रीवा जिले के सिरमौर सत्र न्यायालय में हत्या का मामला विचाराधीन है। आरोपियों से भी मारपीट हुई थी। इसी मामले में अपने पक्षकारों का मेडिकल कराने के लिए उन्हें आवेदन देना था। बीते गुरुवार को हाइकोर्ट की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से सुनवाई किये जाने का आदेश दिए जाने के बाद उन्होंने इसके तारतम्य में रीवा जिला एवं सत्र न्यायाधीश को फोन कर आवेदन की सुनवाई करने का आग्रह किया। उनके व्हाट्सएप नम्बर पर इसके लिए विधिवत आवेदन भेजा गया। ई मेल आईडी पर आवेदन की पीडीएफ कॉपी भी भेजी गई। उपाध्याय के मुताबिक यह आवेदन मंजूर कर इसे सम्बंधित न्यायाधीश के पास भेजा गया। वहां से सूचना दी गई कि आवेदन मंजूर हो गया है।
मुख्य सर्वर से हुए कनेक्ट-
आवेदन मंजूर होने के तुरंत बाद उपाध्याय को रीवा जिला अदालत के मुख्य सर्वर से सूचना दी गई कि 4 बजे उनके मामले की सुनवाई होगी। वे तैयार रहें। उपाध्याय ने बताया कि ठीक 4 बजे उन्हें फोन के जरिये वीसी से कनेक्ट कर दिया गया। वे यूनिफॉर्म पहन कर अपने ऑफिस में ही अपना फोन सामने रखकर बैठ गए।
बनाए रखी सोशल डिस्टेंसिंग
दूसरी ओर कनेक्ट सिरमौर के न्यायाधीश, सरकारी वकील और आरोपी सहित पुलिसकर्मी अदालत में मौजूद थे। सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर दूर खड़े थे। उपाध्याय ने फोन के जरिए ही अपने मामले में बहस की।अदालतों का काम होगा सरलउपाध्याय ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि सुनवाई का ये तरीका सामान्य दिनों में खासा प्रभावी साबित हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार इस तरीके से लम्बित मामलों में गवाहों के बयान भी लिए जा सकते हैं।
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