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IIT के बाद टेक्निकल यूनिवर्सिटी भी फिसलने की कगार पर, जेईसी की जगह रीवा में बनाने की तैयारी

locationजबलपुरPublished: Dec 02, 2017 12:51:11 pm

Submitted by:

deepankar roy

300 करोड़ का प्रोजेक्ट छिनने की आशंका से नाराज छात्र-छात्राओं ने किया गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रदर्शन

Engineering College will be made

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जबलपुर। आईआईटी के बाद जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को टेक्नीकल यूनिवर्सिटी में अपग्रेड करने की कोशिशों में अड़ंगेबाजी शुरू हो गई है। प्रदेश का सबसे पुराना यह इंजीनियरिंग कॉलेज एक बार फिर नई साजिश का शिकार होने की कगार पर है। मामला जेईसी को टेक्नीकल यूनिवर्सिटी बनाने का है। करीब 300 करोड़ रुपए से कॉलेज को यूनिवर्सिटी में अपग्रेड किया जाना है। लेकिन जेईसी की जगह रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की गुपचुप तरीके से कवायद शुरू हो गई। इसकी भनक जैसे ही जेईसी के पूर्व छात्रों को लगी वे भड़क गए। उन्होंने कॉलेज में जाकर प्रदर्शन किया और जेईसी को यूनिवर्सिटी नहीं बनाए जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

विस में लिया था जेईसी का नाम
जेईसी को टेक्नीकल यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव काफी पुराना है। ये मामला मप्र विधानसभा में भी उठ चुका है। इसे टेक्नीकल यूनिवर्सिटी में अपग्रेड करने पर कई बार फाइलें दौड़ चुकी है। लेकिन अब जबकि नए टेक्नीकल यूनिवर्सिटी बनाने की प्रक्रिया तकरीबन अंतिम चरण में जबलपुर का पत्ता काटने की तैयारी शुरू हो गई है। टेक्निकल स्टूडेंट फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज भोज के अनुसार जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को टेक्निकल यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की गई थी तब पूरा शहर खुश हुआ था। लेकिन सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत जेईसी की जगह रीवा में यूनिवर्सिटी खोलने के प्रयास किए जा रहे है।

आत्महदाह करेंगे छात्र
जेईसी को यूनिवर्सिटी में अपग्रेड करने के लिए जो प्रारंभिक योजना बनाई गई थी उसमें करोड़ 300 करोड़ रुपए से संस्थान को विवि के अनुरुप बनाया जाना था। रीवा में यूनिवर्सिटी खोलने पर 300 करोड़ रुपए की योजना फिसलने के साथ ही शहर को एजुकेशन हब बनाने की मुहिम को बड़ा झटका लगेगा। इससे नाराज इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने चेतावनी दी है कि यदि जबलपुर की जगह रीवा में टेक्रीकल यूनिवर्सिटी बनाया गया तो छात्र-छात्राएं आत्मदाह करेंगे।

पहले भी छिन चुकी है कई सौगात
जबलपुर का गवर्नमेंट इंजीनियरिंग प्रदेश का सबसे पुराना तकनीकी संस्थान है। करीब 300 एकड़ से अधिक जमीन पर इसका कैंपस फैला है। जमीन की उपलब्धता और संस्थान के पुराने गौरव को देखते हुए बड़ा तबका जेईसी को टेक्नीकल यूनिवर्सिटी बनाने की मांग उठाता रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित नॉलेज कमीशन की रिपोर्ट में भी जबलपुर में टेक्नीकल यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही गई थी। जेईसी के कैंपस में आईआईटी शुरू करने की भी योजना थी। बाद में इसे इंदौर में स्थापित किया गया। इसके बाद जेईसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी बनाने के प्रयासों पर भी सरकार की सुस्ती से पानी फिर गया। इंदौर में आईआईएम, भोपाल में एनआईएफटी, एम्स सहित कई आधुनिक प्राइवेट यूनिवर्सिटी खुलने के बाद शहर वैसे भी क्वालिटी एजुकेशन इंस्टीट्यूट के मामले में काफी पीछे रह गया है।

रीवा के मामले में जानकारी नहीं
गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. एसएस ठाकुर के अनुसार राज्य शासन ने हमसे टेक्निकल यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव मांगा था जिस पर हमने प्रस्ताव भेज दिया। उज्जैन ने भी ऐसा ही प्रस्ताव जमा किया था। हमें अभी ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि यह दर्जा किसे दिया जा रहा है। रीवा के मामले में भी कोई जानकारी नहीं है।

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