15 दिन पहले रची थी साजिश
एसपी अमित सिंह ने हाइप्रोफाइल मर्डर केस का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या की साजिश खेरमाई मंदिर वार्ड नम्बर तीन निवासी पुरुषोत्तम रजक उर्फ भोला ने ऋषभ के यहां काम करने वाले शिवा उर्फ शिब्बू भूमिया और वार्ड नम्बर सात निवासी वीरेंद्र उर्फ बाबू भूमिया के साथ मिलकर रची थी। बाबू की भेड़ाघाट में अंडे की दुकान थी। तीनों पर कर्ज था। 15 दिन पहले साजिश रची कि किसी रईस के बेटे का अपहरण कर फिरौती मांगी जाए।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम-
एसपी ने बताया कि ऋषभ अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद का ग्रामीण जिले का महामंत्री था। पुरुषोत्तम भाजपा नमामि देवी नर्मदे प्रकल्प भेड़ाघाट मंडल में संयोजक है। ऋषभ और पुरुषोत्तम अक्सर रात में स्वर्गद्वारी के पास शराब पीने जाते थे। साजिश के तहत पुरुषोत्तम 13 जून को बाबू व शिब्बू को बाइक से स्वर्गद्वारी के पास ले गया और छिपा दिया। फिर वहीं से ऋषभ को बीयर पीने के लिए बुलाया।
सिर पर पत्थर लगते ही चिल्लाने लगा था ऋषभ
ऋषभ पांच मिनट के बाद बाइक से वहां पहुंचा और पुरुषोत्तम के साथ बीयर पीने बैठ गया। तभी इशारा पाकर बाबू ने ऋषभ के सिर पर पत्थर फेंक कर मारा। उसके सिर से खून निकलने लगा। ऋषभ चिल्लाने लगा, तो पुरुषोत्तम ने फिर से पत्थर उठाकर उसके सिर पर पटक दिया। इससे उसकी मौत हो गई। फिर उसे बोरे में रखकर तीनों 200 मीटर नीचे पहाड़ी से उतरे और रेत में दफना दिया। उसका पर्स भी वहीं गड़ दिया। उसमें मिले 200 रुपए सिब्बू व बाबू ने ले लिए।
दूसरे दिन मोबाइल कुंड में फेंका
पुरुषोत्तम ने ऋषभ का मोबाइल अपने पास रख लिया था। दूसरे दिन वे फिरौती की रकम मांगने वाले थे। मामला तूल पकडऩे के बाद तीनों डर गए। पुरुषोत्तम ने 14 जून को बाइक और लाश मिलने के बाद मोबाइल नया पुल के नीचे कुंड में फेंक दिया।
पुरुषोत्तम पर हुआ पहले संदेह
पुलिस को पुरुषोत्तम पर सबसे पहले तब संदेह हुआ, जब उसने बताया कि उसने ऋषभ के परिवार से रंजिश रखने वाले व्यक्ति और उसके एक साथी को जीप से जाते हुए और ये कहते हुए सुना था कि निपटा दिया। पुरुषोत्तम रोज रात डेढ़ बजे प्रेमिका से मिलने जाता था, उसने प्रेमिका को भी बता रखा था कि यदि पुलिस पूछे तो बता देना कि घटना वाली रात भी मिलने आया था।