दो माह से जूझ रहा शहर – शहर दो महीने से वर्षाजनित बीमारियों से जूझ रहा है। पहले सर्दी-गले में दर्द और वायरल बुखार के मरीज सामने आए। इसके बाद डेंगू ने पैर पसारे। अब दबे पांव चिकुनगुनिया ने भी दस्तक दे दी है। इन बीमारियों के साथ अस्पतालों में खाली बिस्तर और प्लेटलेट्स की मारमारी से भी सामना हो चुका है। अभी भी शहर के अस्पतालों में ओपीडी में बुखार पीडि़तों की कतार लग रही है।
ढिलाई से काबू में नहीं आ रही बीमारी – इस बार मौसम के नरम-गरम बने रहने के साथ ही मौसमी बीमारियों की रोकथाम में ढिलाई बरती गई। देर से कवायद होने से मच्छरों का हमला बढऩे और बीमारी को फैलने का मौका मिला। घरों में पात्रों में लम्बे समय तक पानी भरे रहने से उनमें मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं। लगातार नसीहत के बाद भी लोग जागरूक नहीं हैं।
नगर निगम के साथ मिलकर सर्वे की कार्रवाई लगातार की जा रही है। डेंगू पॉजिटिव केस का फॉलोअप किया जा रहा है। लोगों को जागरूक करने के साथ बीमारी की रोकथाम के प्रयास किए जा
रहे हैं।
– डॉ. राकेश पहारिया, जिला मलेरिया अधिकारी
इनका रखें ध्यान
– पानी का जमाव न होने दें। किसी बर्तन में लंबे समय तक पानी भरकर न रखें। गमलों, कूलर का पानी हर सप्ताह बदलें।
– घर के दरवाजे-खिड़कियों पर सम्भव हो तो जाली लगवाएं, घरों के आसपास गड्ढे, टायर, कबाड़ में पानी जमा न होने दें।
– डेंगू का मच्छर दिन में काटता है, इसलिए दिन में भी मच्छरों के डंक से बचाव के इंतजाम करें।
– पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें। नगर निगम से सम्पर्क कर कीटनाशक का छिडक़ाव कराएं।
11 नए मरीज मिले
जिले में बुधवार को डेंगू के 11 नए मरीज मिले हैं। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग की एलायजा जांच रिपोर्ट में हुई है। इन मरीज को मिलाकर जिले में इस साल अभी तक 639 डेंगू पॉजिटिव केस सरकारी रेकॉर्ड में दर्ज हो चुके हैं। इधर, रोकथाम की कवायद में बुधवार को 3 हजार 945 घरों का सर्वे किया गया। इसमें 69 घरों में 113 कंटेनरों में लार्वा पाया गया है। सर्वे में मिले 363 बुखार पीडि़तों की आरडी किट से जांच की गई।