स्मार्ट सिटी के काम की भी यही स्थिति शहर के गोलबाजार में भी सीमेंट सड़क का निर्माण किया जा रहा है। रानीताल चौराहे से गोलबाजार जाने वाली सड़क में पुरानी सड़क के उपर ही एक फिट ऊंची लेयर चढ़ाकर सड़क निर्माण किया जा रहा है। हलांकि इस निर्माण में जिम्मेदार तर्क दे रहे हैं कि नाली को भी ऊंचा किया गया है परंतु विशेषज्ञ बताते हैं कि आने वाले समय में यहां भी जलभराव की स्थिति होगी।
दो से तीन फिट हो गई नीचे माढ़ोताल से दीनदयाल चौक के बीच आईटीआई के सामने तो सड़क इतनी ऊंची हो गई कि यहां पर तीन फिट नीचे दुकान-मकान हो गए। शिवनगर साई मंदिर से वत्सला पैराडाज तक जो नई सीमेंटेंड सड़क बनी है। वहां भी यही स्थिति है। अधारताल की पुरानी कॉलोनीयों में भी यही स्थिति है।
शहर के ऐसे क्षेत्र जहां पर पुराने मकान है वहां पर सड़क निर्माण के दौरान तकनीकि पहलुओं का रखकर निर्माण किया जाना जाना चाहिए। विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए जाते हैं कि पहले सर्वे करें। यदि जलभराव की स्थिति है तो और लोगों के घर नीचे हो रहे हैं तो वहां सीमेंट की जगह डामर सड़क बनाएं। इसमें भी आवश्यकता पडऩे पर खुदाई करके लेबल मिला कर सड़क बनाएं।
विनय सक्सेना, विधायक, मध्य क्षेत्र यातायात के दवाब को ध्यान में रखकर सड़क निर्माण किया जाता है परंतु सड़क बनाते समय उसकी डिजाइन में इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि व्यवहारिक समस्या नहीं हो। जिस सीमेंट सड़क के उपर एक फिट की लेयर चढ़ा कर सड़क निर्माण किया जा रहा है उसका बेस भी पहले देखकर माइनस स्ट्रक्चर करना चाहिए। मानकों का पालन आवश्यक है।
पुरषोत्तम तिवारी, सेवानिवृत्त इंजीनियर नगर निगम सड़क निर्माण में मानकों का ध्यान रखा जाता है। निर्माण के समय अपग्रेडेशन होता है। जिसमें डामर सड़क चार से छ: इंच तक उंची होती है। ेडामर सड़क तीन से पांच साल तक चलती है जबकि सीमेंट सड़क लम्बे समय तक रहती है। सीमेंट सड़क में ऊपर से लेयर इसलिए चढ़ा दी जाती है की उसका स्ट्रक्चर मजबूत रहता है। सड़क निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है कि ड्रेनेज सिस्टम प्रभावित नहीं हो। सड़क पर किसी भी स्थिति में जलभराव नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए।
आर के गुप्ता, इंजीनियर नगर निगम जबलपुर