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MP के इस शहर में मिले संदिग्ध रोहिंग्या, IS और ISIS के नेटवर्क की शुरू हुई पड़ताल

locationजबलपुरPublished: Nov 30, 2017 11:24:31 am

Submitted by:

deepankar roy

म्यांमार हिंसा के बाद बांग्लादेश के रास्ते भागकर आए, खुफिया एजेंसी कर रही पूछताछ

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जबलपुर। म्यांमार से भागकर आए 3 रोहिंग्या छिपकर देश में रह रहे थे। इनकी मध्यप्रदेश के एक शहर में बसने की योजना था। लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते तीनों संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया। जबलपुर पुलिस ने मंगलवार देर रात इन तीनों को पकड़ा तो पुलिस और प्रशासन में हड़कंप मच गया। खुफिया एजेंसी ने बुधवार को पकड़े गए संदिग्धों से पूछताछ की। इसके बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गईं। संदिग्धों के आईएस और आईएसआईएस से कनेक्शन की आशंका को लेकर भी जांच की जा रही है। खुफिया एजेंसी ने पूछताछ के बाद तीनों को लार्डगंज पुलिस के हवाले कर दिया है।

रिक्शे में घूम रहे थे
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार गश्त के दौरान पुलिस ने रिक्शे से रेलवे स्टेशन जा रहे तीन लोगों से उस वक्त पूछताछ की, जब वे बाहरी और संदिग्ध लग रहे थे। पहले तो इन लोगों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन सख्ती के बाद तीनों ने खुद को रोहिंग्या बताया। इसके बाद जवानों ने इसकी जानकारी आला अफसरों को दी। खुफिया विभाग के अफसरों ने भी इनसे पूछताछ की।

बांग्लादेश के भारत में आए
तीनों रोहिंग्या ने पूछताछ में बताया कि म्यांमार में हो रहे दंगों के बाद वे बांग्लादेश के रास्ते इस देश में प्रवेश कर गए। बीएसएफ के मुताबिक देश में इस समय 36 हजार रोहिंग्या हैं और सेना सीमा पर इन्हें रोकने को चौकसी बरत रही है। 31 अक्टूबर तक भारत और बांग्लादेश सीमा पर 87 रोहंगियों को पकड़ा गया था, जिनमें से ७६ को वापस भेज दिया गया था।

हैदराबाद के बाद शहर पहुंचे
पुलिस पूछताछ में गिरफ्तार रोहिंग्याओं ने बताया कि वे भारत की सीमा में प्रवेश करने के बाद कई राज्यों में जा चुके है। वे एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश में थे, जहां पर रह सके। इसके लिए वे देश के विभिन्न जिलों से होते हुए शहर पहुंचे। यह जगह उन्हें सुरक्षित लगी, इसलिए यहीं रुक गए। इससे पहले वे भारत में बसने के इरादे से हैदराबाद गए थे। उसके बाद जबलपुर पहुंचे थे।

इसलिए माना जा रहा खतरा
देश की खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन आईएसआईएस और आईएस इन रोहिंग्या मुसलमानों को अपने चंगुल में फंसाने की साजिश रच रहे हैं। यदि एेसा होता है, तो यह देश के लिए बड़ा खतरा बन सकते है। इसके बाद से इन्हें इनके मुल्क वापस करने केन्द्र सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए थे।

संवेदनशील है शहर
शहर में आयुध निर्माणियां हैं और सेना की कई प्रमुख यूनिटें हैं। इस लिहाज से शहर संवेदनशील माना जाता है। खुफिया एजेंसियां भी रोहिंग्याओं को आतंकी संगठनों से जोडऩे के साजिश को लेकर अलर्ट जारी कर चुके है। इसके बावजूद रोंग्यिाओं का बांग्लादेश की सीमा को पार करके आधा देश भ्रमण करने के बाद इस संवदेनशील शहर तक पहुंचना सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है।

रिफ्यूजी कैंप में भेज रहे
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार जबलपुर में गिरफ्तार किए गए रोहिंग्याओं से खुफिया एजेंसियां पूछताछ कर रही है। पूछताछ में उनके भारत में प्रवेश करने के बाद जहां-जहां गए वहां किनसे मिले इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि वे सीमा पार कैसे कर गए? उन्हें यहां तक लाने वाले मददगार कौन है? फिलहाल पूछताछ के बाद पुलिस इन्हें हैदराबाद में रोहिंग्या शरणार्थियों के कैंप में भेजने की तैयारी कर रही है।

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