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छत पर बोए जाते हैं बिजली के बीज, होती है बिजली की खेती, गजब है यह शहर

locationजबलपुरPublished: Apr 09, 2019 09:24:18 pm

Submitted by:

virendra rajak

अब तक आपने अन्न और फलों की खेती सुनी होगी

Electricity bill of 5.5 crore rupees decreased in 3 years

Roof farming of Electricity

जबलपुर, अब तक आपने अन्न और फलों की खेती सुनी होगी, लेकिन एक एेसा शहर भी है, जहां बिजली की खेती की जाती है। लेकिन यह खेती किसी खेत में नहीं बल्की छतों पर होती है। इसी खेती से जो फसल होती है, वहीं इस शहर के लोग उपयोग भी करते हैं, आपको पढ़कर थोड़ा आश्चर्य हो रहा होगा कि आखिर यह माजरा क्या है, आइए बताते हैं आपको कि कैसे होती है बिजली की खेती
गर्मी में हर एक घर, प्रतिष्ठान और संस्थानों में जमकर बिजली खर्च की जाती है, लेकिन कोई इसके उत्पादन की ओर ध्यान नहीं देता, लेकिन जबलपुर में जहां विद्युत जलाने के साथ ही उसका उत्पादन भी किया जाता है। घरों की छत पर लगी फोटोवोल्विक पर पडऩे वाली सूर्य की किरणे विद्युत उत्पादन करती हैं, यह फोटोवॉल्विक सौर ऊर्जा उपकरणों में लगी होती है, जिससे उत्पादन होता है। बिजली उत्पादन भी कुछ कम नहीं बल्की लाखों यूनिट में होता है।
जबलपुर में सूरज की रोशनी से डेढ़ से दो लाख किलोवॉट से भी अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। सूरज की गर्मी जैसे-जैसे बढ़ती है, वैसे-वैसे उत्पादन भी बढ़ता है। शहर में सवा सौ से अधिक एेसे संस्थान हैं, जहां सौर ऊर्जा उपकरण लगे है। वे प्रकृति के माध्यम से एक तरफ से बिजली का उत्पादन तो कर ही रहे हैं साथ ही उन्हें बिजली बिल का भी फायदा हो रहा है। शहर में लगभग तीन लाख उपभोक्ता है लेकिन इनमें से केवल १३९ के यहां ही सौर ऊर्जा उपकरण लगे हैं।
गर्मी में बढ़ जाता है उत्पादन
सामान्य दिनों की अपेक्षा सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन गर्मी में बढ़ जाता है। इन मौसम में तो मार्च से ही गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिए थे। सूरज की तपन अधिक होने के कारण सौर ऊर्जा उपकरण की प्लेट्स जल्दी गर्म होती हैं और उनसे अधिक बिजली बनती है। जबकि ठंड और बारिश में बिजली उत्पादन
मीटर रखता है पूरी नजर
जहां भी सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन होता है, वहां एक विशेष मीटर लगाया जाता है। इसे नेट मीटर कहते हैं। यह मीटर सौर ऊर्जा से उत्पादित होने वाली बिजली और उपभोक्ता द्वारा ली जाने वाली सामान्य बिजली का पूरा ब्यौरा रखता है। इसके बाद माह के अंत में यह भी बताता है कि उपभोक्ता ने कितनी बिजली का उत्पादन कर ग्रिड में दिया और कितनी उसने उपयोग की।
वर्जन
अन्य मौसमों की जगह गर्मी के दिनों में सौर ऊर्जा से अधिक बिजली का उत्पादन होता है। शहर में लगे सौर ऊर्जा के उपकरणों से लगातार विद्युत उत्पादन हो रहा है।
प्रकाश दुबे, चीफ इंजीनियर, जबलपुर संभाग, मप्रपूक्षेविविकं
सवा सौ से अधिक कनेक्शन हैं शहर में
एलटी कनेक्शन व उत्पादन
संभाग-कनेक्शन-क्षमता-उत्पादन
पूर्व-१४-११४.००-६७२३
पश्चिम-४०-३७८.६०-१४१६७
दक्षिण-४५-२८३.१०-२२५५८
उत्तर-०५-२३.००-३६४०
विजय नगर-१८-२२४.००-३४२३७
एचटी कनेक्शन व उत्पादन
संभाग-कनेक्शन-क्षमता-उत्पादन
पूर्व-०४-१३०८-१११७
पश्चिम-०४-२५५-१७१२
दक्षिण-०४-७०६-६८०६०
उत्तर-०३-२७३-००
विजय नगर-०२-४५-१८०२
(उत्पादन व क्षमता किलोवॉट में व उत्पादन लगभग में)
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फैक्ट
लो वोल्टेज लाइन
कुल कनेक्शन-१२२
कुल उत्पादन-१०२२.७० किलोवॉट
हाईटेंशन लाइन
कुल कनेक्शन-१७
कुल उत्पादन-७२७००.५० किलोवॉट
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उपभोक्ता
जबलपुर शहर-२७३५४१
जबलपुर देहात-१८८५९९
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बिजली की मांग मेगवॉट में
कहां-सामान्य दिनों में-गर्मी के दिनों में
जिले में : २०४ : ३२०
शहर में : १२९ : २२०
देहात में : ७५ : १००
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