जबलपुर. बिजली बिल घोटाले में सोमवार को नया खुलासा हुआ। पता चला कि घोटाले का जाल जबलपुर रीजन के कई संभागों तक फैला हुआ है। कटनी में 222 उपभोक्ताओं के मीटर रिप्लेसमेंट के नाम पर कंपनी को 16 लाख की चपत लगाई जा चुकी है। इस मामले में एई को निलंबित करते हुए उसकी एक वेतन वृद्धि और प्रमोशन रोके जाने की कार्रवाई की गई है। आरोपित कम्प्यूटर ऑपरेटर को निष्कासित करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। कटनी के चारों संभागों में ये गड़बड़ी मिली थी। इसी तरह का खेल जबलपुर सिटी सर्किल के संभागों में भी हुआ है। यहां भी मीटर रिप्लेसमेंट के नाम पर हर महीने लाखों रुपए की चपत लगाने का खेल चल रहा है। जानकारी के अनुसार सोमवार को चीफ इंजीनियर की तरफ से रीजन के सभी अधीक्षण यंत्री, कार्यपालन अभियंताओं, जेई व एई को पत्र जारी कर सुनिश्चित कराने के लिए कहा गया है कि वे तत्काल पासवर्ड बदल लें। उनसे शपथ पत्र मांगा गया है, जिसमें वे ये लिखकर देंगे कि सीसीएनबी आईडी व पासवर्ड का प्रयोग उनके अलावा कोई नहीं कर रहा है। इस तरह पकड़ में आई ये चोरी रीजन के कई संभागों में सप्लाई की गई बिजली और बिलिंग में भारी अंतर आ रहा था। संदेह के आधार पर कटनी, जबलपुर और दूसरे जिले के संभागों में गोपनीय जांच शुरू कराई गई। चीफ इंजीनियर की तरफ से इसकी जिम्मेदारी कार्यपालन अभियंता अनुराधा श्रीवास्तव व प्रोग्रामर वंदना पटेल को सौंपी गई है। पता चला कि कुछ उपभोक्ताओं के मीटर जलने की बात कहकर बदला गया है। उनके द्वारा की गई खपत की जांच हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। एआरपी में एेसे उपभोक्ताओं के आगे डॉट या शुन्य लिख दिया जाता था। बाद में पुराने मीटर को रिसेट कर खपत घटा दी जाती थी और उसे कागजों में नया मीटर शो कर दिया जाता था। सिटी सर्किल के पांचों संभाग में लगभग 60 संदिग्ध मामले पकड़ में आए हैं, जिसकी जांच की जा रही है। दो साल के अंदर हुए बिल एडजेस्टमेंट और मीटर रिप्लेसमेंट के सभी प्रकरणों की फिर से छानबीन के निर्देश दिए गए हैं। बिजली बिल घोटाले की पूरे रीजन स्तर पर जांच कराई जा रही है। एके पांडे, चीफ इंजीनियर, जबलपुर रीजन