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प्रवेश प्रक्रिया की काउंसलिंग के चक्कर में पटरी से उतरी पढ़ाई

locationजबलपुरPublished: Sep 04, 2018 05:58:40 pm

Submitted by:

amaresh singh

कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया में ही तीन माह बीते

Routine study of admission process

Routine study of admission process

जबलपुर । उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया को लंबा खींचने के चलते कॉलेजों में शिक्षण सत्र पर असर पड़ा है। जो कक्षाएं जुलाई-अगस्त में शुरू हो जानी थी वह सितंबर में भी पूरी तरह से शुरू नहीं हो सकी हैं। ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 31 अगस्त को काउंसलिंग प्रक्रिया खत्म की गई है। अभी छात्रों द्वारा प्रवेश फीस जमा करने, क्लासरूम आवंटित करने, कॉलेज की औपचारिकताएं समझाने में एक सप्ताह का समय लगेगा। कुल मिलाकर 10 सितंबर के बाद से ही पूरी तरह से कॉलेजों में शिक्षण कार्य शुरू हो सकेगा। उच्च शिक्षा विभाग ने 10 जून से काउंसलिंग प्रक्रिया आयोजित की। इस दौरान तीन राउंड ऑनलाइन काउंसलिंग हुई। इसके बाद विभाग ने कॉलेज लेवल काउंसलिंग शुरू कराई। इसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पटरी से उतर गई है।

21 अगस्त से शुरू होनी थीं कक्षाएं
कॉलेजों 21 अगस्त से कक्षाओं की शुरुआत की जानी थी। लेकिन सीएलसी रांउड दोबारा 21 अगस्त से शुरू कर दिया गया जो कि 31 अगस्त तक चला। ऐसे में कॉलेजों में स्टाफ प्रवेश प्रक्रिया में ही उलझा रहा। जिससे जो शिक्षण कार्य पटरी पर आ जाना था वह शुरू नहीं हो सका।

यह है परेशानी
सभी कोर्सों के लिए काउंसलिंग का एकसा टाइम टेबिल नहीं
सीबीएसई और एमपी बोर्ड के परिणाम अलग-अलग आना
बारहवीं पूरक परीक्षा के रिजल्ट में देरी


एकसाथ हो प्रक्रिया
जानकारों का कहना है कि कांउसलिंग एवं सीएलसी प्रक्रिया की तिथि निश्चित की जानी चाहिए। साथ ही चाहे वह यूजी, पीजी में प्रवेश का मामला हो या फिर प्रोफेशनल कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया सभी के लिए एक ही समय निश्चित होना चाहिए।
इनका कहना है

काउंसलिंग के लिए तिथियों का निर्धारण उच्चस्तर पर होता है। कई बार बोर्ड परीक्षा के परिणाम देर से आने के कारण भी छात्रों को राहत देने के लिए तिथियां बढ़ाई जाती हैं।
डॉ.केएल जैन,
एडी, उच्च शिक्षा

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