–नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करने उच्च शिक्षा विभाग, सरकार को अधिकार है। इस मामले में अभी चर्चाएं चल रही हैं। लिखित में अभी ऐसे कोई आदेश नहीं आए हैं। जो भी निर्णय होगा उसे विश्वविद्यालय पालन करेगा
-प्रो.कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि
जबलपुरPublished: May 29, 2019 12:49:51 pm
Mayank Kumar Sahu
उच्च शिक्षा विभाग तैयार कर रहा नया मसौदा, विश्वविद्यालयों के मनसूबों पर फिरेगा पानी, सेटिंग का खेल भी होगा खत्म, एमएचआरडी के नए मसौदे से विश्वविद्यालयों में मच खलबली
RDVV Jabalpur
जबलपुर।
विश्वविद्यालय में अब राष्ट्रीय उच्चत्तर शिक्षा अभियान के जरिए शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएंगी। अब तक विश्वविद्यालय अपने स्तर पर शिक्षकों की भर्ती करते थे। मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस दिशा में काम किया जा रहा है। आने वाले समय में इस पर जल्द आदेश जारी होने की संभावना जताई जा रही है। जानकारों के अनुसार हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग में आयोजित हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि सरकारी विश्वविद्यालय तथा अनुदान प्राप्त कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्तियां रुसा के जरिए की जाएंगी। तथा प्राइवेट विश्वविद्यालयों में नियुक्ति की प्रक्रिया को यूजीसी के माध्यम से पूरा करेगी। देशभर की यूनिवर्सिटी में 5 लाख शैक्षणिक पद खाली हैं। जबकि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में करीब 150 से अधिक पद खाली बताए जाते हैं।
अभी तक यह थी प्रक्रिया
सूत्रों के अनुसार अभी तक विश्वविद्यालय अधिनियमि 1973 के तहत विश्वविद्यालयों को नियुक्ति का अधिकार था। गर्वनर के अमुदोन के पश्चात स्वीकृत पद निकाले जाते थे और रोस्टर की प्रक्रिया अपनाई जाती थी। नियुक्ति के पूर्व विश्वविद्यालय द्वारा कमेटी गठित करता था। विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन मंगाए जाते थे। कमेटी इंटरव्यू लेती था। इसके बाद कार्यपरिषद निर्णय लेता था।
विश्वविद्यालय में हलचल
तैयार हो रहे नए प्रस्ताव को लेकर विश्वविद्यालयों में हडक़ंप की स्थिति है। क्योंकि इस निर्णय से एकतरह से विश्वविद्यालयों के पॉवर पर प्रहार के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों को लेकर कवायद तेज की जा रही है ऐसे में विश्वविद्यालयों द्वारा संजोए मनसूबों पर असर पडऩे की संभावना है। क्योंकि नियुक्तियों को लेकर अपने चहेतों को भी उपकृत करने के प्रयास किए जाएंगे वहीं जेब भी गर्म होगी। ऐसे में यदि रुसा के हाथ में कमान आती है तो विश्वविद्यालयों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा। इस मसौदे का विश्वविद्यालय एक तरह से विरोध भी करेंगे और इसे पास होने से रोकेंगे।
–नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव करने उच्च शिक्षा विभाग, सरकार को अधिकार है। इस मामले में अभी चर्चाएं चल रही हैं। लिखित में अभी ऐसे कोई आदेश नहीं आए हैं। जो भी निर्णय होगा उसे विश्वविद्यालय पालन करेगा
-प्रो.कमलेश मिश्रा, कुलसचिव रादुविवि