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एमपी गजब है! सांप पकडऩे वाले हैं नहीं, ले लिया देशभर में सांप पकडऩे का ठेका

locationजबलपुरPublished: Jul 08, 2019 10:41:09 am

Submitted by:

Lalit kostha

टीम के सदस्य निजी सर्प विशेषज्ञों का मोबाइल नम्बर बता देते हैं

Snake Bite: child died after snake bite in khandwa MP

Snake Bite: child died after snake bite in khandwa MP

जबलपुर. वन विभाग की रेस्क्यू टीम में सांप पकडऩे के लिए विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन इस टीम ने देश भर का ठेका ले रखा है। सांपों से परेशान होकर विभिन्न राज्यों के लोग इस टीम से मदद मांगते हैं। बारिश के दिनों में जबलपुर बात कर सभी को निराशा हाथ लग रही है। वन विभाग की रेस्क्यू हेल्पलाइन 9424792700 पर शहर के लोग मदद मांगते हैं तो टीम के सदस्य निजी सर्प विशेषज्ञों का मोबाइल नम्बर बता देते हैं। लोग खुद भुगतान कर सांपों से जान का जोखिम दूर करते हैं।


उधर, जब इसी मोबाइल नम्बर पर दूसरे राज्यों से फोन आते हैं तो टीम का समय बर्बाद होता है। मदद मांगने वालों को भी परेशान होना पड़ता है। बारिश के दौरान सांप घरों में घुस रहे हैं। शहर के 15 से 25 लोग प्रतिदिन रेस्क्यू नम्बर पर फोन कर मदद मांग रहे हैं। ज्यादातर लोग निजी सर्प विशेषज्ञों से सम्पर्क करते हैं। इस सीजन में प्रतिदिन 5 से 15 कॉल दूसरे राज्यों से आ रही है। रेस्क्यू नम्बर पर शनिवार को झारखंड, रांची, कांचनगर यूपी सहित कई शहरों के फोन आए।

 

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इसलिए हो रही परेशानी
वन विभाग ने वर्ष 2016 में शहर में स्नेक हेल्प लाइन शुरू की थी। चयनित दस सर्प विशेषज्ञ शहर में सांपों का रेस्क्यू करते थे और उन्हें निर्धारित मानदेय दिया जाता था। कुछ माह बाद ही यह सुविधा बंद हो गई लेकिन उस दौर में स्नेक हेल्प लाइन का मोबाइल नम्बर इंटरनेट में अपलोड किया गया था। इसमें जबलपुर या एमपी नहीं लिखे जाने से देश भर के फोन आ रहे हैं।


ये करें
सर्प विशेषज्ञ गजेंद्र दुबे के अनुसार अगर कोई सर्पदंश का शिकार हो गया हो तो उसे भीड़ से दूर कर सामान्य करें और पैदल न चलाएं। सर्प जहरीला होगा तो दो दांत के निशान होंगे, उस स्थान पर सूजन होगी और खून कम निकलेगा। ऐसे व्यक्ति को तत्काल अस्पताल ले जाएं। घर एवं आसपास साफ-सफाई रखें। घरों में जाने वाली नालियों पर जाली लगाएं और फिनाइल का छिडक़ाव करें तो सांप नहीं आएगा। रात में रोशनी में ही चलें। सांप दिखने पर सर्प विशेषज्ञ की मदद लें।


एसडीओ जबलपुर अमित सिंह चौहान का कहना है कि रेस्क्यू टीम का मोबाइल नम्बर पहले स्नेक हेल्पलाइन के नाम था। जल्द ही हेल्पलाइन के आगे जबलपुर जोड़ा जाएगा, ताकि दूसरे शहरों के लोगों को बेवजह परेशान न होना पड़े।

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