देश पहले शादी बाद में, सिपाही ने पेश की मिसाल-
‘ये वर्दी का जज्बा ही है, जब फर्ज की बात आती है, तो जज्बात पीछे छूट जाते हैं।’ कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है सिविल लाइंस क्षेत्र निवासी प्रदीप मिश्रा ने। छतरपुर कोतवाली में आरक्षक प्रदीप मिश्रा 18 मार्च को शासकीय कार्य से जबलपुर आए थे। लॉकडाउन के चलते ड्यूटी पर वापस नहीं लौट पाए। डीजीपी के आदेश के बाद वे सिविल लाइंस थाने में आमद देकर लगातार ड्यूटी पर तैनात हैं। 26 अप्रैल को भेड़ाघाट के पास शादी तय थी। कोरोना में ड्यूटी के चलते प्रदीप ने शादी कैंसिल कर दी। अब कोरोना को हराने के बाद ही शादी करने का निर्णय किया है। आरक्षक प्रदीप के पिता गिरिजा शंकर मिश्रा एनसीसी से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बेटे के निर्णय पर कहा कि देश की सेवा पहले। कोरोना के संक्रमण काल में निजी जज्बात का कोई स्थान नहीं होता।