scriptपुलिस वालों के जज्बे को सलाम, एक ने कैंसिल कर दी शादी तो दूसरा मां के जनाजे को नहीं दे पाया कांधा | Salute to the spirit of the policemen, Kandha could not give mother | Patrika News

पुलिस वालों के जज्बे को सलाम, एक ने कैंसिल कर दी शादी तो दूसरा मां के जनाजे को नहीं दे पाया कांधा

locationजबलपुरPublished: Apr 27, 2020 11:56:04 am

Submitted by:

santosh singh

जबलपुर के भेड़ाघाट थाने में पदस्थ टीआई की मां का इंदौर में हो गया था इंतकाल तो सिविल लाइंस में ड्यूटी दे रहे आरक्षक ने टाल दी शादी

TI Asif Iqbal.jpg

TI Asif Iqbal

जबलपुर. कोरोना से जंग में डॉक्टरों के बाद पुलिसकर्मी ही अग्रिम मोर्चे पर तैनात हैं। फर्ज की इस राह में ये अपनी भावनाओं और मजबूरियों को तिलांजलि देकर कर्तव्य की मिसाल पेश कर रहे हैं। जिले के भेड़ाघाट टीआई आसिफ इकबाल ने जहां कोरोना संकट काल में उन्हें अपने फर्ज को महत्व दिया। मां के इंतकाल की खबर सुनकर उनकी आंखें नम हो गईं। लेकिन, जज्बातों को काबू में रखकर ड्यूटी को तवज्जो दिया। वहीं सिविल लाइंस थाने में ड्यूटी दे रहे छतरपुर कोतवाली के आरक्षक ने अपनी शादी तक कैंसिल कर दी।
भेड़ाघाट टीआई आसिफ इकबाल मूलत: इंदौर के रहने वाले हैं। 19 अप्रैल को उनकी 82 वर्षीय मां का निधन हो गया। निधन की सूचना मिलने से 15 मिनट पहले ही उन्होंने मां से बात की थी। उनकी पत्नी मुम्बई में हैं। बेटे भी बाहर हैं। घर पर छोटा भाई है। आसिफ ने पुलिस अधिकारियों को मां के निधन की सूचना दी। उन्हें छुट्टी भी मिल गई। इसी बीच उन्हें जावेद की फरारी की सूचना मिली। उन्होंने फोन पर भाई को मां का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा और अपना फर्ज निभाने में जुट गए। हालांकि, अधिकारियों के दबाव में एक दिन का अवकाश लेकर वे इंदौर गए। मां की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और वापस आ गए। दो दिन क्वारंटाइन रहने के बाद ड्यूटी पर लौट आए।आसिफ ने बताया कि मां ने अंतिम बार बात की, तो उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में लोगों की अधिक से अधिक मदद करना।

pradeep.jpg
IMAGE CREDIT: patrika

देश पहले शादी बाद में, सिपाही ने पेश की मिसाल-
‘ये वर्दी का जज्बा ही है, जब फर्ज की बात आती है, तो जज्बात पीछे छूट जाते हैं।’ कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है सिविल लाइंस क्षेत्र निवासी प्रदीप मिश्रा ने। छतरपुर कोतवाली में आरक्षक प्रदीप मिश्रा 18 मार्च को शासकीय कार्य से जबलपुर आए थे। लॉकडाउन के चलते ड्यूटी पर वापस नहीं लौट पाए। डीजीपी के आदेश के बाद वे सिविल लाइंस थाने में आमद देकर लगातार ड्यूटी पर तैनात हैं। 26 अप्रैल को भेड़ाघाट के पास शादी तय थी। कोरोना में ड्यूटी के चलते प्रदीप ने शादी कैंसिल कर दी। अब कोरोना को हराने के बाद ही शादी करने का निर्णय किया है। आरक्षक प्रदीप के पिता गिरिजा शंकर मिश्रा एनसीसी से रिटायर्ड हैं। उन्होंने बेटे के निर्णय पर कहा कि देश की सेवा पहले। कोरोना के संक्रमण काल में निजी जज्बात का कोई स्थान नहीं होता।

 

 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो