गुजरात के सूरत से आए नकली रेमडेसिविर के 465 इंजेक्शनों की खेप रीवा निवासी सुनील मिश्रा के माध्यम से सपन के जरिए सिटी अस्पताल आई थी। इसके बाद गुजरात के मोरबी जिला की पुलिस पहली बार सात मई को जबलपुर आई और यहां से भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को गिरफ्तार कर मोरबी ले गई थी। वहां सपन ने खुलासा किया कि 35 इंजेक्शन उसने नर्मदा नदी में बहा दिया और 465 इंजेक्शन सिटी अस्पताल में दिए थे। इसके बाद मोरबी जिला पुलिस ने देवेश चौरसिया को पुलिस रिमांड पर लिया। देवेश ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की ओर से इंजेक्शन बुलवाने और उसे अस्पताल में खपवाने की बात कही। इसके बाद मोरबी जिला की पुलिस मोखा को लेने जबलपुर पहुंची। टीम सोमवार को जबलपुर आई थी। मंगलवार को सारी कार्रवाई के बाद मोखा को मोरबी जिला पुलिस के वाहन से मोरबी ले जाया गया। वहां पुलिस रिमांड लेकर टीम उससे पूछताछ करेगी।
जानकारी के अनुसार मोरबी जिला पुलिस के अधिकारियों की ओर से एसआइटी की जांच के कुछ दस्तावेज और जानकारियां एकत्र की गई हैं। नकली रेमडेसिविर मामले में मोखा को जबलपुर पुलिस ने 11 मई को गिरफ्तार कर एनएसए के तहत जेल भेजा था।