तिथि : सूर्योदय से सायं: 05.58 मि. तक पूर्णा संज्ञक पूर्णिमा तिथि रहेगी पश्चात नंदा संज्ञक एकम तिथि लगेगी। पूर्णिमा तिथि में जो भक्तिमान मनुष्य चंद्रमा की पूजा करता है, उसका संपूर्ण संसार पर आधिपत्य हो जाता है और वह कभी नष्ट नहीं होता। प्रतिपदा तिथि में अग्निदेव की पूजा करके अमृतरूपी घृत का हवन करे तो उस हवि से समस्त धान्य और अपरिमित धन की प्राप्ति होती है।
करण: सूर्योदय से सायं: 05.58 मि. तक बव नामक करण लगेगा पश्चात बालव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात कौलव नामक करण लगेगा।
नक्षत्र: सूर्योदय से प्रात: 08.01 मि. तक चर चल श्रवण नक्षत्र रहेगा पश्चात चर चल धनिष्ठा नक्षत्र लगेगा। नए-पुराने वाहनों का क्रय-विक्रय वाहन के संचालन, वाहन से यात्रा करने या सवारी आदि के लिए श्रवण एवं धनिष्ठा दोनों नक्षत्र शुभ माने गए हैं। अक्षर ज्ञान, अध्ययन, अध्यापन, धार्मिक प्रवचन, स्कूल आदि के संचालन हेतु श्रवण एवं धनिष्ठा दोनों नक्षत्र शुभ रहते हैं।
शुभ मुहूर्त: अनुकूल समय में श्रवणकुमार का पूजन करने एवं रक्षासूत्र बंधवाने के लिए शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: चौघडिय़ा के अनुसार समय – प्रात: 06.04 मि. से 07.40 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा। प्रात: 10.52 मि. से दोप. 02.04 मि. तक क्रमश: चंचल व लाभ के चौघडिय़ा रहेंगे एवं दोप. 05.17 मि. से सायं: 06.53 मि. तक शुभ का चौघडिय़ा रहेगा।
व्रतोत्सव: व्रत/पर्व – देवपितृ कार्य की श्रावणी पूर्णिमा। संस्कृत दिवस। श्रीअमरनाथ यात्रा पूर्ण। श्रीगायत्री जयंती। कोकिला व्रत पूर्ण। झूलन यात्रा समाप्त। बलभद्र पूजा (उड़ीसा)। श्रीकल्याणजी महोत्सव (डिग्गी राज.)। नारियेली पूर्णिमा (द.भा.)। स्वतंत्रता दिवस (73वां)। चंद्रमा – सूर्योदय से रात्रि 09.27 मि. तक चंद्रमा पृथ्वी तत्व की मकर राशि में रहेंगे पश्चात वायु तत्व की कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। पंचक – रात्रि 09.27 मि. से प्रारंभ होंगे। दिशाशूल- दक्षिण दिशा में। राहु काल – दोप. 02.04.55 से 03.40.58 तक राहु काल वेला रहेगी। शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
आज जन्म लिए बच्चे: आज जन्म लिए बच्चों के नाम (खो, ग, गी, गू, गे) अक्षरों पर रख सकते हैं। आज जन्मे बच्चों का जन्म तांबे के पाए में होगा। सूर्योदय से रात्रि 09.27 मि. तक मकर राशि रहेगी पश्चात कुंभ राशि रहेगी। आज जन्म लिए बच्चे शरीर से सामान्य होंगे। सामान्यत: इनका भाग्योदय करीब 24 वर्ष की आयु मे होगा। ऐसे जातक स्वकार्य का संचालन दक्षता से करेंगे। प्राय: नौकरी कर जीवनयापन करेंगे। शासकीय कार्यों में गहरी रुचि रहेगी। मकर राशि में जन्मे जातक को दोषारोपक होने से बचना चाहिए। कुंभ राशि में जन्मे जातक को अत्यधिक वस्तु संग्रहण से बचना चाहिए।