ये है मामला
डीआरटी सूत्रों के अनुसार सुशील एवं उसके भाईयों की कम्पनी पाटनी इंजीनियरिंग द्वारा बैंकों से करोड़ों रुपये का लोन लिया गया था और उसे चुकाया नहीं गया। उन पर आरोप है कि स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, इंदौर की शाखा से उन्होंने लोन लिया था। बाद में 2003 में कोर्ट से डिक्री ऑर्डर निकला और उन्हें सवा छह करोड़ चुकाने के आदेश हुए, लेकिन डिक्री आदेश का भी पालन नहीं किया। लोन की रकम बढ़कर अब 60 करोड़ के लगभग पहुंच गई है।
हाथ में नहीं आए भाई
डीआरटी की टीम के साथ बैंक अधिकारियों तथा पुलिस के साथ बुधवार को इंदौर स्थित सुशील पाटनी के घर पर दबिश दी। इस दबिश में सुशील पाटनी तो पकड़ा गया लेकिन उसके दोनों भाई गायब मिले। सूत्रों के अनुसार आरोपियों की खोज के लिए पहले भी छापेमारी की गई थी लेकिन आरोपियों का पता नहीं चला था। हाल ही में डीआरटी को जानकारी मिली थी कि सुशील इस समय इंदौर में ही है और उसको दबोच लिया गया ।
बैंक के बाद कार में ले गए
डीआरटी के रिवेन्यू इंस्पेक्टर दीपक पचौरी के साथ रिकवरी ऑफिसर एनके वर्मा, बैंक ऑफिसर शैलेष भाटिया, समीर साहू भी इंदौर आए थे। टीम पाटनी को गिरफ्तार करके पहले बैंक के मुख्यालय शाखा ले गए और जरूरी पूछताछ के बाद कार से जबलपुर ले गए। गुरुवार सुबह सुशील को जबलपुर कोर्ट में पेश किया गया।
सागर में रहता है सुनी
डीआरटी को करोड़ों रुपए के बैंक लोन नहीं चुकाने के मामले में गिरफ्तार सुशील के दो भाई सुनील और सुमति की भी तलाश है। दोनों भाईयों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी की जा रही है। सूत्रों के अनुसार सुनील पाटनी फिलहाल सागर में रह रहा है। सुमति बाहर है। दोनों भाइयों की भी जल्द गिरफ्तारी होने की संभावना है।
दो प्लॉट कुर्क
बैंक लोन के इस मामले में पाटनी ब्रदर्स के पिता के खिलाफ भी प्रकरण था, लेकिन उनका निधन हो चुका है। पाटनी भाइयों द्वारा पीथमपुर में एकेवीएन से जमीन लेकर पाटनी इंजीनियरिंग कंपनी का संचालन किया जा रहा था। बाद में कंपनी घाटे में आ गई। बैंक भी इनके दो प्लॉट कुर्क कर चुकी है।