मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर हाईकोर्ट और जिला न्यायालयों में कराए गए सर्वे में यह दावा किया गया है कि प्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज 75 प्रतिशत मामले झूठे हैं। सर्वे के अनुसार इनमें भी पिछड़ा वर्ग के लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या 80 प्रतिशत है। एसोसिएशन के अध्यक्ष आर्दशमुनि त्रिवेदी का कहना है, सरकार ने जिस तरीके से एट्रोसिटी एक्ट को लागू किया है, उसका परिणाम समाज के सामने है। उन्होंने कहा, कोई भी अधिवक्ता एसटी-एससी एक्ट के खिलाफ नहीं है, लेकिन संशोधन के बाद जो उसके परिणाम सामने आए हैं, उससे समाज का बड़ा तबका प्रभावित हुआ है। त्रिवेदी ने कहा, वे मुख्यमंत्री को सडक़ों पर काले झंडे दिखाने में विश्?वास नहीं रखते हैं, लेकिन सरकार ने अगर जल्?द ही एट्रोसिटी एक्ट के दुष्परिणामों को दूर करने के लिए कदम नहीं उठाए तो इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
यहां ब्राह्मणों ने कहा – एट्रोसिटी एक्ट का करेंगे विरोध
एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में नगर पंडित सभा जाबालिपुरम की शुक्रवार को ज्योति सिद्ध सदन में बैठक हुई। सभी ने एक स्वर में एट्रोसिटी एक्ट के विरोध का निर्णय किया। आंदोलन की रूपरेखा निर्धारित करने के लिए 30 सितंबर को जगदम्बा कॉलोनी स्थित शिव शक्ति दुर्गा मंदिर में बैठक होगी। डॉ. सत्येंद्र स्वरूप शास्त्री, सभाअध्यक्ष वासुदेव शास्त्री, महामंत्री शैलेंद्र तिवारी, रोहित दुबे, संजय मिश्र, दिनेश गर्ग, अरुण दुबे उपस्थित थे।
ब्राह्मण महासभा, आस्था ब्राह्मण महासभा एवं वैश्य महासभा, करणी सेना सहित अन्य आरक्षण विरोधी संगठनों ने आवश्यक संयुक्त बैठक आमंत्रित की है। इसमें एससीएसटी एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन व आरक्षण के खिलाफ रणनीति बनायी जाएगी। ऋषि मिश्रा, राके श श्रीवास्तव, जेपी शुक्ला, मनोज भदौरिया, सुबोध पहारिया, वासुदेव जैसवानी, राघवेंद्र शुक्ला ने उपस्थिति की अपील की।
आरक्षण पीडि़त मोर्चा
एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में मोर्चा ने बैठक कर 23 सितंबर को रानीताल गौशाला चौैक पर जेल भरो आंदोलन की घोषणा की। मोर्चा के दीपक पचौरी, आनंद मोहन पाठक, अमित खम्परिया, आनंद ज्योतिषी, अरुण मिश्रा, यदुवंत मिश्रा, सुनीता पांडे, विनीता मालवीय, पुष्पा तिवारी मौजूद थे।