सिटी सर्किल अंतर्गत दक्षिण सम्भाग के गढ़ा पुरवा में लाइनमैन सुखदेव कुशवाहा और कम्प्यूटर ऑपरेटर बेटे आशीष
कुशवाहा के रिटायर्ड लिपिक गनपत सिंह ठाकुर की आईडी-पासवर्ड का दुरुपयोग कर 40 लाख के गबन के मामले में कई खुलासे हो रहे हैं। पिता-पुत्र की जोड़ी ने दक्षिण सम्भाग अंतर्गत लगे एटीपी मशीन के ठेका ऑपरेटर और बिल बांटने वाले संविदा कर्मियों को भी जोड़ रखा था। हजार से अधिक उपभोक्ताओं की रकम पिता-पुत्र ने हजम कर लिया। उपभोक्ताओं को भी फायदा देने की बात सामने आई है। कई उपभोक्ताओं ने अलग-अलग समय में सुखदेव कुशवाहा के माध्यम से पैसे जमा कराए।
नोटिस से खुल रही पोल
-दुर्गा कॉलोनी निवासी मोहनलाल सेन का बिल 20429 रुपए था। सात दिसम्बर 2017 को बिल की राशि जमा कराना दर्शाया गया है।
-शााहीनाका निवासी लीलाधर पटेल का बिल 12883 रुपए था। 16 नवम्बर 2017 को बिल जमा करना दर्शाया गया है। लीलाधर के मुताबिक उसने संजीवनी नगर स्थित एटीपी मशीन ऑपरेटर को बिल जमा करने के लिए पैसे दिए थे।
-पुरवा अंतर्गत आने वाले उपभोक्ता राकेश पटेल की ओर से जमा तीन बार की राशि का रिकॉर्ड गायब है। नौ अगस्त 2017 को 10033 रुपए, पांच अक्टूबर 2017 को 9616 और पांच दिसम्बर को 6184 रुपए जमा दर्शाया गया है।
-संजीवनी नगर निवासी महेश प्रसाद साहू ने नौ नवम्बर 2017 को 11119 रुपए जमा किए जाने का रिकॉर्ड नहीं मिला।
-शाहीनाका निवासी तेजभान सिंह लोधी ने 26 जून को 9372 और 14 सितम्बर 2017 को 11099 रुपए जमा किए। जिसका रिकॉर्ड नहीं मिला है। तेजभान के मुताबिक लाइन काटने वाले ही बिल राशि लेकर गए थे।
रीजनल एकाउंट ऑफिसर भी घेरे में
40 लाख के गबन मामले में रीजनल एकाउंट ऑफिसर एलएन कुशवाहा की भी भूमिका घेरे में है। ईआरपी सिस्टम पर आने वाले बिल भुगतान की रसीद आदि के ब्योरे और एकाउंट में आई राशि मिलान की जिम्मेदारी एकाउंट ऑफिसर की होती है। अप्रैल 2017 से पिता-पुत्र की जोड़ी लाखों की चपत लगा रही थी, लेकिन एकाउंट ऑफिसर ये गड़बड़ी नहीं पकड़ पाए। एमडी मुकेश चंद गुप्ता ने भी मामले को गम्भीरता से लिया है।
शपथ पत्र लेकर भूल गए जवाबदारी
मई 2017 में कटनी सर्किल और 14 जुलाई 2017 में जबलपुर सिटी सर्किल में ठेका कम्प्यूटर ऑपरेटरों की ओर से एई, जेई की आईडी-पासवर्ड के माध्यम से बिल एडजस्टमेंट के नाम पर लगाई गई चपत के बाद भी कम्पनी के अधिकारी नहीं चेते। आलम ये है कि कई लिपिकों को कम्प्यूटर चलाना नहीं आता। सात महीने बाद भी बल एडजस्टमेंट घोटाले की जांच पूरी नहीं हो सकी।
करोड़ों का घोटाला है-सौरभ
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव सौरभ शर्मा ने रविवार को पत्रकार वार्ता कर दावा किया है कि पुरवा में सामने आए पिता-पुत्र द्वारा 40 लाख का घोटाला बहुत बड़ा है। पिता-पुत्र इस घोटाले में छोटी कड़ी हैं। इस खेल में विभाग के बड़े-बड़े अधिकारियों की संलिप्तता है। सिटी के पांचों सम्भाग में इस तरह का घोटाला किया गया है। अब उपभोक्ताओं को नोटिस भेजकर जबरन वसूली का खेल चल रहा है। पार्टी मामले की जांच के लिए लोकायुक्त व ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कराएगी। इस मौके पर कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष दिनेश यादव, चमन श्रीवास्तव व लखन घनघोरिया भी मौजूद थे।