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दिल्ली और लखनऊ तक बिखरी हमारे इन गुलाबों की खुशबू, खास है राज

locationजबलपुरPublished: Aug 05, 2018 06:10:29 pm

Submitted by:

deepankar roy

यहां के गुलाब लोगों की पसंदीदा बन रहे हैं

scent of our rose scattered to Delhi and Lucknow

scent of our rose scattered to Delhi and Lucknow

जबलपुर। देश के कई महानगरों की फूल मंडियों में अपने शहर के गुलाब की खूबसूरती और महक फैल रही है। यहां के गुलाब लोगों की पसंदीदा बन रहे हैं। शहर के पॉलीहाउस में उगाए जा गुलाब नागपुर, दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों में भेजे जा रहे हैं। शहर से रोजाना करीब एक लाख गुलाब के फूल बाहर जा रहे हैं। इससे कारोबारियों को तो फायदा हो ही रहा है, शहर का नाम भी हो रहा है।


शहर के सात पॉलीहाऊस में पैदा किए जाने वाले लाल और पीले गुलाब की महानगरों में सर्वाधिक मांग है। शहर के महाराजपुर, बरगी, पनागर, कटंगी सहित अन्य तीन जगहों पर गुलाब की खेती की जा रही है। यह खेती हाईटेक पद्धति याने पॉली हाऊस में की जा रही है। अन्य राज्यों से आने वाले बीज को तैयार करके देसी हाईब्रीड गुलाब तैयार किया जा रहा है। यह गुलाब वर्ष भर सप्लाई किया जा है। इन जगहों से निकलने वाली पैदावार लोकल सप्लाई नहीं की जा रही है। इसमें से केवल सरप्राइज्ड गिफ्ट देने वालों को यह सुविधा दी जा रही है।


छह माह में तैयार होती फसल
पॉलीहाऊस में छह माह के भीतर फसल तैयार की जाती है। इसमें बीज रोपने के बाद उसे तरुण बनाने में पांच माह लग जाते हैं। पांच माह बाद पौध में गुलाब आने लगता है। इस गुलाब की पौध की ट्रिमिंग के बाद फूलों का बंच बना दिया जाता है। यह बंच के रूप में सप्लाई किया जाता है।


एक बंच में 20 गुलाब
गुलाब की सप्लाई में 20 गुलाब का एक बंच होता है। इस बंच को विशेष पॉलीथिन में पैक किया जाता है। गुलाब के साथ उसमें एक-दो पत्ती और लंबा तना होता है। जानकारों का कहना है कि बंच तैयार करने के लिए प्रत्येक गुलाब से पेड़ से निकालने के बाद तैयार किया जाता है। इसमें तने के कांटे हटा दिए जाते हैं।


एक हफ्ते खिला रहता है फूल
खेती करने वालों का कहना है कि यह गुलाब एक हफ्ते चलता है। हाईब्रीड होने की वजह से यह जल्दी खराब नहीं होता है। इसमें पानी का छिड़काव या फिर एसी में रखे होने की वजह से इसमें ताजगी बनी रहती है।


सरप्राइज्ड गिफ्ट में लोकल सप्लाई
आधुनिकता के दौर में आजकल लोग प्रमुख तिथियों पर अपने रिश्तेदारों, मित्रों आदि को सरप्राइज्ड गिफ्ट में गुलाब भेजते हैं। इसमें हाईब्रीड गुलाब ही काम आते हैं। लोकल मांग को देखते हुए यह गुलाब शहरवासियों को मिलता है।


जुबेर की पैदावार
गुलदस्तों में गुलाब के साथ जुबेर नाम के फूल की मांग सबसे ज्यादा है। यह फूल गुलदस्ते को खूबसूरत कर देता है। अभी तक यह जुबेर नागपुर से सप्लाई किया जाता था लेकिन इसे भी पॉलीहाऊस में पैदा किया जाने लगा है। जुबेर की लोकल पैदावार से व्यापारियों को फायदा हुआ है।


ढाई एकड़ में दो हजार स्टिक प्रति दिन
खेती के जानकारों का कहना है कि ढाई एकड़ के पॉलीहाउस में
करीब दो हजार गुलाब की स्टिक प्रतिदिन निकलती है। इन स्टिंग का बीस-बीस का बंच
तैयार किया जाता है। यह खेती मझौली के रिठौरी गांव के पास ही की जा रही है।


साढ़े चार करोड़ की प्रतिमाह सप्लाई
महानगरों में यह फूल औसतन 15 रुपए प्रति की दर से विक्रय किया जाता है। एक लाख की सप्लाई पर प्रतिदिन करीब 15 लाख का फूल याने माह में साढ़े चार करोड़ का गुलाब महानगरों में सप्लाई किया जा रहा है। इस हिसाब से वर्ष भर में करीब 54 करोड़ रुपए का व्यवसाय किया जा रहा है।


इनका कहना है
देसी गुलाब की पैदावार करते थे लेकिन विक्रय नहीं होने पर ये खराब हो जाते थे। हाईब्रीड पैदावार के लिए पॉली हाऊस बनाए और फसल ली। इसमें नुकसान की गुंजाइश नहीं है। महानगरों में यहां के गुलाब की खासी मांग है।
नितिन गर्ग, संचालक, पॉलीहाउस
बेहतर क्वालिटी की मांग महानगरों में होती है। यह माल महानगरों से विदेशों में सप्लाई किया जाता है। लोकल में क्वालिटी नहीं क्वांटिटी बिकती है, इसलिए इसका रेट कम ही मिलता है।
सत्यानंद पाठक,
संचालक, पॉलीहाउस

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