शहर में स्कूली ऑटो और वैन में क्षमता से अधिक नौनिहालों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैैं। इनमें से अधिकांश वाहनों का संचालन एलपीजी से हो रहा है। आलम यह है कि कई वैन चालक पीछे डिक्की में भी छात्र-छात्राओं को बैठा रहे हैं। इसे बावजूद न तो पुलिस विभाग और न ही यातायात विभाग इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। इसके चलते बच्चों के साथ हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है।
case 01 तैय्यब अली चौक स्थित 2 स्कूलों में रोजाना दर्जनों ऑटो और वैन छात्र-छात्राओं को घर से स्कूल और स्कूल से घर ले जाते हैं। इनमें कई वाहन एलपीजी से संचालित हो रहे हैं। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई में इसका खुलासा हुआ था। इसके बावजूद इस बार ऐसे वाहनों पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
case 02 पेंटीनाका स्थित एक स्कूल के सामने से लगभग दो दर्जन से अधिक स्कूली वैन और ऑटो संचालित होते हैं। पूर्व के वर्षों में यहां कार्रवाई कर एलपीजी से संचालित स्कूली वैन और ऑटो को जब्त किया गया था। चालानी कार्रवाई के बाद वाहनों को छोड़ा गया था। अब फिर से मनमानी शुरू हो गई है।
घर में बना लिया रीफिलिंग सेंटर अवैध रूप से ऑटो और वैन में एलपीजी की रीफिलिंग कराने पर वाहन चालकों को 50-100 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है। इससे बचने के लिए कुछ ऑटो और वैन चालकों ने घर पर ही अवैध रीफिलिंग सेंटर खोल लिए हैं। यहां वे घरेलू गैस सिलेंडर से ऑटो और वैन में रीफिलिंग करते हैं।
शहर में स्थिति 500 ऑटो का संचालन हो रहा एलपीजी से 100 वैन का संचालन एलपीजी से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं ट्रैफिक पुलिस में तैनात सभी डीएसपी, थाना प्रभारियों और सूबेदारों को ओवर लोडिंग करने और एलपीजी से संचालित स्कूली ऑटो और वैन चालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदीप शेंडे, एएसपी, ट्रैफिक