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जबलपुर में स्कूल ऑटो बस की हड़ताल खत्म, ये हुआ निर्णय – देखें वीडियो

locationजबलपुरPublished: Jan 19, 2018 03:15:56 pm

Submitted by:

Lalit kostha

निष्कर्ष अभी तक नहीं निकला है इसलिए कल की हड़ताल को लेकर भी संशय बरकरार है।

school bus auto latest news

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जबलपुर। यातायात नियमों की खुलेआम अवहेलना, ओवरलोडिंग, गैसकेट वाले वाहन में नौनिहालों को बिठाना और अराजक यातायात में सहभागिता करना, उनके लिए उचित था। लेकिन जैसे ही नियम कायदों को मानने की बात आई तो वे हड़ताल पर उतारू हो गए हैं ।जिसका खामियाजा शहर भर के माता पिता भुगत रहे हैं। मामला स्कूल ऑटो बस और वैन संचालकों का है जो पुलिस की कार्रवाई से नाराज होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। पिछले 3 दिनों से जारी हड़ताल में के चलते हजारों बच्चों के माता-पिता सुबह स्कूल लाने ले जाने के लिए परेशान होते नजर आ रहे हैं। कोई ऑफिस से छुट्टी लेकर बच्चों को स्कूल छोड़ने लेने जा रहा है। या तो किसी ने बॉस को रिक्वेस्ट कर बीच में आने जाने का समय मांग लिया है। यह नजारा स्कूलों के सामने देखा जा सकता है।
शुक्रवार को सर्विस सेंटर गार्डन में धरना दे रहे स्कूल वैन संचालकों के समर्थन में आम आदमी पार्टी के कुछ नेता भी आ गए। इसके अलावा अन्य संगठनों द्वारा भी इन्हें समर्थन दिया जा रहा है। ऐसे में बात बनने के बजाय और बढ़ती चली जा रही है। एक ओर जहां वहां चालक अपनी मांगों पर अड़े हैं, वहीं पुलिस प्रशासन पीछे हटने का नाम नहीं ले रहा है। ऑटो संचालकों के समर्थन में पूर्व मंत्री हरेंद्र जीत सिंह बब्बू भी पहुंच गए और उन्होंने उनकी मांगों को लेकर बात की।
बब्बू ने कहा गलतियां एक तरफ से नहीं होती इनमें आपकी गलतियां भी शामिल है। आप को भी समझना होगा तभी इस समस्या का हल निकल सकता है। अन्यथा यह मामला तूल पकड़ता चला जाएगा और कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा। जिसमें केवल और केवल आम जनता ही परेशान होगी। हालांकि अभी तक ऑटो चालकों ने हड़ताल को लेकर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है कि वह कब समाप्त करेंगे। मामले को देखते हुए पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा की बात चल रही है।
पुलिस प्रशासन के साथ बैठक में तय हुआ कि मार्च तक ऑटो वैन और मैजिक संचालकों को मोहलत दी जाएगी। वह अपने वाहन का पंजीयन स्कूल वाहन के तौर पर करा लें। बस संचालकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वह किसी भी सूरत में ओवरलोडिंग नहीं करेंगे और गैस किट नहीं लगाएंगे। अपने वाहनों का स्कूल वाहन के तौर पर पंजीयन करावे। जबकि ऑटो चालकों के लिए तय हुआ है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूली ऑटो के तौर पर पंजीयन का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में स्कूल ऑटो हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार 12 साल से ऊपर के 3 और 12 साल से कम के 5 बच्चों को ही बैठा कर चलें। बैठक में ट्रैफिक एसपी संदीप मिश्रा एवं छोटे सिंह जी पी पराशर पूर्व मंत्री हरेन्द्र जीत सिंह बब्बू और अन्य लोग मौजूद रहे।
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