पहले कहा सिलवाकर देंगे, फिर कहा पैसे देंगे
जानकारों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले स्व-सहायता समूहों के माध्यम से यूनिफॉर्म तैयार कर वितरित करने का निर्णय किया था। यह व्यवस्था सभी जिलों में लागू नहीं हो सकी। इसके बाद एकांउट में राशि जारी करने का निर्णय किया गया। जिले मेें 1.4 लाख छात्र-छात्राओं को गणवेश के लिए 8.5 करोड़ रुपए की जरूरत है।
ये है स्थिति
2,253 शासकीय स्कूल हैं जिले में
1.4 लाख हैं विद्यार्थी
75 हजार छात्राएं
02 जोड़ी यूनिफॉर्म दी जानी है प्रत्येक विद्यार्थी को
600 रुपए प्रति छात्र
है गणवेश की लागत
8.5 करोड़ रुपए
की है दरकार
read also: एक्सट्रा राउंड के बाद भी प्रोफेशनल कोर्स की सीटें नहीं भरी, अब सीएलसी राउंड पर संशय
जानकारों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग ने पहले स्व-सहायता समूहों के माध्यम से यूनिफॉर्म तैयार कर वितरित करने का निर्णय किया था। यह व्यवस्था सभी जिलों में लागू नहीं हो सकी। इसके बाद एकांउट में राशि जारी करने का निर्णय किया गया। जिले मेें 1.4 लाख छात्र-छात्राओं को गणवेश के लिए 8.5 करोड़ रुपए की जरूरत है।
ये है स्थिति
2,253 शासकीय स्कूल हैं जिले में
1.4 लाख हैं विद्यार्थी
75 हजार छात्राएं
02 जोड़ी यूनिफॉर्म दी जानी है प्रत्येक विद्यार्थी को
600 रुपए प्रति छात्र
है गणवेश की लागत
8.5 करोड़ रुपए
की है दरकार
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15 अगस्त से पहले स्कूलों को यूनिफॉर्म उपलब्ध कराना था। इस बार ऐसा नहीं हो सका है। यूनिफॉर्म के लिए राशि का प्रावधान नहीं किया गया है।
आरपी चतुर्वेदी, जिला परियोजना समन्वयक
आरपी चतुर्वेदी, जिला परियोजना समन्वयक