-804500 लाख प्राइमरी को दिए -651000 मिडिल स्कूलों को जारी -3750000 हायर सेकेंडरी को जारी मयंक साहू @ जबलपुर. स्कूलों को सेंटर ऑफ स्पोटर्स के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकारी स्कूलों पांच से खेलों को बढ़ावा देने के लिए अब जिले स्तर पर स्कूलों को सेंटर ऑफ स्पोटर्स के रूप में विकसित करने की तैयारी की जा रही है। संभागीय स्तर पर प्राथमिक स्कूल से लेकर सीनियर सेकेडंरी स्कूलों को फोकस किया जा रहा है। ताकि राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश से खेल प्रतिभाओं की पौध को तैयार किया जा सके। आउटडोर खेलों के साथ ही इंडौर खेलों को भी इसके माध्यम से बढ़ावा देने की कवायद की जा रही है। इसके लिए जिले के करीब 24 सौ स्कूलों को करीब पौने 2 करोड़ की राशि पहली बार खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने दी गई है। जबकि प्रदेश में 80 करोड़ इसके लिए खर्च किए जा रहे हैं।
अपनी पसंद के खेल में लेंगे भाग सूत्रों के अनुसार खेलों की एक मजबूत संरचना बनाने के लिए खेलो इंडिया, खिले इंडिया अभियान शुरू किया है। इसमें स्कूलों में पढने वाले बच्चे अपनी पसंद के खेल में भाग लेंगे। मानव संससाधन विकास विभाग के सहयोग से राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। स्कूलों को खेल सामग्री खरीदने के लिए बजट दिया गया है ताकि खेलों को बढ़ावा मिल सके।
यह तय की राशि प्राथमिक विद्यालयों को 5 हजार, माध्यमिक विद्यालयों को 10 हजार रुपए, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों को 25 हजार रुपए दिए गए हैं। इस राशि का उपयोग स्कूलों की भौतिक स्थिति के अनुसार किया जाएगा। स्कूल में मौजूद खेल सामग्री, मैदान की व्यवस्था, छात्र-छात्राओं की संख्या के आधार राशि का उपयोग किया जाएगा। खेल सामग्री उपलब्ध कराने के पीछे स्कूलों में छिपी प्रतिभाओं को सामने लाने का है।
इन सामग्री की होगी खरीदी खेलों के लिए क्रिकेट बैट, क्रिकेट स्टम्प, सॉफ्टबॉल, टेनिस बॉल, प्लास्टिक बॉल, फुटबॉल, बास्केट बॉल, फुटबॉल गोल पोस्ट, मल्टी रंगी हूल हुप्स फिटनेस के लिए, स्टेप हर्डल, डिसकस, वॉलीबानेट, थ्रो बाल, मार्किंग कोन, फस्र्ट एड किट, बैडमिंटन रैकेट, शटल, रिले स्टिक आदि शामिल किए गए हैं।
-खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है ताकि खेल प्रतिभाओं को उभारा जा सके। इसे खेले इंडिया कैम्पेन का रूप दिया गया है। इसकी राशि सिर्फखेलों को बढ़ावा देने में ही खर्च की जाएगी।
-सुनील नेमा, जिला शिक्षा अधिकारी