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स्टाफ रूम में बैठे थे शिक्षक, अचानक भरभराकर आ गिरा छत का प्लास्टर

locationजबलपुरPublished: Jul 23, 2018 11:24:14 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

चेरीताल स्कूल में घटना, एक शिक्षिका घायल

school sealing damaged

स्टाफ रूम में बैठे थे शिक्षक, अचानक भरभराकर आ गिरा छत का प्लास्टर

जबलपुर। शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला चेरीताल में उस समय अफरा तफरी का माहौल बन गया स्कूल के छत का प्लास्टर अचानक स्टाफ रूम में बैठे शिक्षकों पर गिरने लगा। शिक्षक दौड़ते हुए बाहर की तरफ भागे। एक शिक्षिका वनीता सूद घायल हो गई। मौके पर मौजूद स्टाफ ने प्राथमिक उपचार कर अस्पताल पहुंचाया। मामले को लेकर स्कूल में दिन भर गहमागहमी बनी रही।

चल रहा था ये काम
प्रत्यक्ष दशिर्यो के अुनसार शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक कन्या शाला चेरीताल में सोमवार को स्टाफ रोजमर्रा की तरह शिक्षण कार्य में व्यवस्त था। स्टाफ रूम में छात्रों की उपस्थिति के रजिस्टर तैयार करने का भी काम चल रहा। इसी दौरान दोपहर 12.30 बजे छत का प्लस्टर अचानक भरभराकर गिर गया। गौरतलब है कि स्कूल बहुत पुराना है। कमरों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। यह तो गनीमत थी कि क्लासरूम में यह घटना नहीं हुई, नहीं हादसा बड़ा रूप ले सकता था।

एक भवन में चार स्कूल
बताया जाता है स्कूल में 12 कमरे हैं। इसमें तीन खपरैल कमरे भी हैं। इस कैम्पस में पांच स्कूल संचालित किए जाते हैं। इसमें 2 प्राइमरी स्कूल, 1 मिडिल स्कूल,1 हाईस्कूल एवं 1 हायरसेकेंडरी स्कूल है। जिसमें करीब 450 छात्र अध्ययनरत हैं। लेकिन सीमित कमरे होने के साथ ही स्कूल भवन 50 वर्ष पुराना है जिसके चलते भवन की स्थिति दयनीय है।

लगातार निगम प्रशासन को लिखे पत्र
स्कूल भवन को दुरस्त करने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार निगम प्रशासन को पत्र लिखे गए वहीं संकुल प्राचार्य को भी बताया गया। लेकिन जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की। न तो कमरों को प्लस्टर को दुरस्त कराया गया न ही खपरैल छत में टूटे छप्पर बदले गए। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि स्कूल के लिए नई बिलिडंग बनाया जाना है। दो करोड़ की लागत से इसे बनाया जाना है लेकिन एक साल से इस प्रस्ताव पर कोई काम शुरू नहीं हो सका है।

कई स्कूलों का यही हाल
जानकारों का कहना है कि जबलपुर ही नहीं आसपास के गांवों में भी शासकीय स्कूलों की दुर्गति है। बारिश के चलते कई स्कूलों के परिसर कीचड़ से लथपथ हो गए हैं। छप्पर क्षतिग्रस्त होने की वजह से कक्षाओं में पानी भर रहा है। हालातों के चलते कई जगह तो बच्चों ने स्कूल आना ही बंद कर दिया है। शिक्षकों का तर्क है कि व्यवस्था को लेकर कई बार प्रशासन को अवगत कराया जाता है, लेकिन इसमें रुचि नहीं ली जाती। यदि ठेकेदार के माध्यम से कुछ काम करा भी दिए जाते हैं तो वे इतने स्तरहीन होते हैं कि समस्या का समाधान नहीं हो पाता। हालात जैसे के तैसे ही रहते हैं।

इनका कहना है
स्कूल भवन काफी पुराना है लगातार बारिश के चलते छत का प्लस्टर अचानक भरभराकर नीचे गिर गया। स्कूल भवन का रखरखाव निगम प्रशासन करता है। भवन को दुरस्त करने के लिए कई बार पत्र लिखे गए लेकिन निगम प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
प्रमोद श्रीवास्तव, प्राचार्य कन्या उमावि चेरीताल

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