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ये शिक्षक आठ साल से नहीं गए स्कूल, बैठ रहे दूसरे विभागों में

locationजबलपुरPublished: Jul 16, 2019 06:26:38 pm

Submitted by:

Sanjay Umrey

डेपुटेशन की समय अवधि समाप्त, फिर भी नहीं जा रहे मूल विभाग

school teacher

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जबलपुर। डेपुटेशन पर पदस्थ शिक्षकीय अमला समय अविध पूरी होने के बाद भी उन्हीं स्थानों पर पदस्थ है। जिले में करीब दो सौ अध्यापकों का डेपुटेशन खत्म हो चुका है। इसके बाद भी वे वापस अपने स्कूलों में अध्यापन के लिए रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वहीं न इस सम्बंध में जिला परियोजना समन्वयक गम्भीर है न ही जिला शिक्षा अधिकारी। जबकि, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र ने ऐसे अमले को हटाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो यह सब मिलीभगत से हो रहा है। प्रदेश के अन्य जिलों में ऐसे अमले को हटाने अथवा उनके मूल विभाग स्कूलों में भेजने की कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन जबलपुर में ऐसा नहीं हुआ।

आठ साल से नहीं हटाया

जानकारों के अनुसार जन शिक्षक एवं विकासखंड अकादमिक समन्वयकों की नियुक्ति दो साल के लिए जिले में की गई थी। वर्ष 2011 में इन्हें जिले में पदस्थ किया गया था। विशेष परिस्थिति में डेपुटेशन की अवधि एक साल बढ़ाई जा सकती है। इस लिहाज से देखा जाए तो आठ साल से इन्हें हटाया नहीं गया है।
180 लोग जमे- बताया जाता है जिले में करीब 180 अध्यापक डेपुटेशन के नाम पर जमे हैं। इसमें 140 सिर्फ जनशिक्षक हैं। जिले के 70 जन शिक्षा केंद्रों में इनकी पदस्थापना की गई है। जबकि, ब्लाक एकेडिमक कोआर्डिनेटर विकासखंडों में पदस्थ हैं। इन सभी पदों पर अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापकों को नियुक्त किया गया है।

वापस स्कूल जाने से बच रहे

चर्चा है कि कई जन शिक्षक एवं बीएसी अफसरों के साथ मिलीभगत और सेटिंग के चलते जमे हैं। ये वापस स्कूल जाने से बच रहे हैं। अधिकारी भी इन्हें हटाने अथवा दोबारा नए सिरे से नियुक्ति की प्रक्रिया कराने से बच रहे हैं।
लम्बे समय से जमे जनशिक्षकों, बीएसी को हटाने के निर्देश हैं। यह बेहद गम्भीर मामला है कि आठ साल से इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त नहीं की गई है। लापरवाही पर सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी।
आईरीन सिंथिया जेपी, संचालक राज्य शिक्षा केंद्र

शिक्षकों, प्राचार्यों के अवकाश पर सख्ती

स्कूलों से बिना बताए गायब रहने वाले शिक्षकों पर अब नकेल कसी जा रही है। अब उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए सीधे अनुमति नहीं मिलेगी, बल्कि उच्चाधिकारियों से अनुमति लेनी होगी। इस निर्णय से जिले के प्राचार्यों सहित शिक्षक भी जद में आएंगे। कलेक्टर ने आदेश जारी कर जिले में इस पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है। आदेश का पालन न करने पर सम्बंधितों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जाएगी।
अब डीइओ और संकुल प्राचार्य लेंगे निर्णय- अभी तक स्कूलों में पदस्थ शिक्षक कागज में लिखा आवेदन प्राचार्य, प्रधानाध्यापक अथवा प्रभारी को देकर चले जाते हैं। अब शिक्षकों को सीधे संकुल प्राचार्यों को आवदेन देकर अनुमति लेनी होगी। इसी तरह प्राचार्यों को अब जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन कर अनुमति लेनी होगी।
आठ हजार का अमला है तैनात-बताया जाता है जिले के 2500 स्कूलों में करीब आठ हजार की संख्या में शिक्षकीय अमला तैनात है। इसमें बड़ी संख्या में शिक्षक, सहायक शिक्षक, अध्यापक हैं तो करीब 300 के लगभग प्राचार्य हैं।
25 से अधिक शिक्षक मिले गायब
हाल ही में किए गए कुछ निरीक्षण में बड़ी संख्या में प्राचार्य से लेकर शिक्षक बिना बताए स्कूलों से अनुपस्थित मिले थे। 25 से अधिक शिक्षकों तथा 12 के लगभग प्राचार्यों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए थे। इसकी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी गई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।

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