जबलपुरPublished: May 23, 2020 09:16:40 pm
prashant gadgil
हाइकोर्ट का निर्देश
इलाहाबाद विश्वविद्यालय को डी फिल मे प्रवेश देने का निर्देश ,वायदे से मुकरना गलत : हाईकोर्ट
जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से जबलपुर के भाजपा नेता राममूर्ति मिश्रा व उनके दोनों पुत्रों को राहत मिली है। जस्टिस आरके श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने मिश्रा व उनके पुत्रों खिलाफ एससीएसटी एक्ट के तहत दर्ज प्रकरण को निरस्त कर दिया। हालांकि कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ निचली अदालत में लम्बित आपराधिक प्रकरण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। जबलपुर के रामपुर निवासी राममूर्ति मिश्रा, उनके पुत्रों पद्मेश व पदम् मिश्रा की ओर से दो अलग अलग याचिकाएं दायर कर उनके खिलाफ गोरखपुर पुलिस थाने में एससीएसटी एक्ट व भादवि की धाराओं 294, 323, 506 बी के तहत दर्ज किए गए मामले को खारिज करने का आग्रह किया गया। न्यायालय में पेश प्रकरण के अनुसार रामपुर छापर निवासी जिया लाल गुर्जर व आरोपी राममूर्ति मिश्रा से जमीन पर निर्माण को लेकर विवाद हुआ। इस पर आरोपियों ने गुर्जर से मारपीट की। इसकी रिपोर्ट गुर्जर ने गोरखपुर पुलिस थाने में की। कोई कर्रवाई न होने पर अदालत की शरण ली। गुर्जर के परिवाद पर जेएमएफसी कोर्ट ने राममूर्ति मिश्रा, पद्मेश मिश्रा व पदम् मिश्रा के खिलाफ भादवि व एससीएसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दे दिया। इसी आदेश को चुनौती देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता को जातिगत रूप से अपमानित करने का कोई साक्ष्य नहीं है। तर्क से सहमत होकर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एससीएसटी एक्ट का प्रकरण रद्द कर दिया।