ओपीडी रजिस्टर की जांच की
प्रभारी एसडीएम सबसे पहले ओपीडी काउंटर पहुंंचे और रजिस्टर की जांच की। तीन साल के बच्चे का इलाज कराने आई महिला से दवा पर्ची की जांच की। इसके बाद एसडीएम ओपीडी में गए। यहां डॉ. सुनील लटियार और डॉ. रचना पोनिकर मरीजों की जांच कर रहे थे। एसडीएम ने डॉक्टरों से सुबह ९ बजे से १.३० बजे तक इलाज के लिए आए मरीजों की संख्या की जानकारी ली और रजिस्टर का भी निरीक्षण किया।
लेबर रूम में नहीं थे सफाई कर्मी
एसडीएम लेबर रूम भी पहुंचे। नर्सों ने एसडीएम को बताया कि रोगी कल्याण समिति की ओर से रखे गए तीन सफाई कर्मचारी सुबह से नहीं आए। सुबह से दो महिलाओं की डिलीवरी हुई है। डिलीवरी का कचरा भी उन्हें ही फेंकना पड़ा। इस पर एसडीएम नाराज हो गए। अस्पताल प्रभारी डॉ. जैन से कहा, गायब रहने वाले सफाई कर्मचारियों की यहां जरूरत नहीं है। ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर वेतन काटा जाए।
एम्बुलेंस का होगा पंजीयन
निरीक्षण की खबर लगते ही अस्पताल परिसर में मौजूद निजी एम्बुलेंस चालक गायब हो गए। अस्पताल की एक एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन नहीं होने की जानकारी मिलने पर एसडीएम ने आरटीओ जबलपुर संतोष पॉल से बात कर पंजीयन करने के लिए कहा। पैथोलॉजी में पदस्थ कर्मचारी अमित पटेल को जबलपुर के टीबी क्लीनिक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा अटैच करने पर अस्पताल प्रभारी को उसे वापस बुलाने के लिए कहा। उन्होंने मंगलवार को रोगी कल्याण समिति की बैठक बुलाने के निर्देश भी दिए।