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सीनियर सिटीजन ने श्मशानघाट में शुरु किया अनशन, बस एक है ये मांग

locationजबलपुरPublished: Sep 13, 2018 03:50:13 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

कलेक्टर पर वेवजह जेल भेजने का आरोप

senior citizen harassment case in MP

senior citizen harassment case in MP

नरसिंहपुर। श्मशान में प्राय: लोग जीवन का अंतिम सफर तय करने करने के बाद या फिर किसी को इस आखिरी सफर की विदाई देने ही जाते हैं, लेकिन एक बुजुर्ग पीके पुरोहित ने जीते जी श्मशान घाट में अनशन ठान लिया है। उनका आरोप है कि कलेक्टर ने जनसुनवाई में उनके गांव की जायज फरियाद सुनने की बजाय उन्हें जेल भेज दिया। 4 दिन तक जेल में रहकर अपमान के घूंट पीने पड़े। उनका कहना है कि इस मामले में लगातार न्यायोचित जांच व कार्रवाई की मांग की जा री है, लेकिन सत्तासीन और अफसरशाह खामोश है। यह मृतप्राय सी लग रही व्यवस्था पर भी प्रश्न चिन्ह है। प्रकरण की न्यायसंगत जांच और इसके बाद कलेक्टर के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए।

यह है मामला
ग्राम खुरपा निवासी 61 साल के पीके पुरोहित ने खुरपा बड़ा से चीलाचोन तक 2 किलोमीटर के बदहाल रास्ते को दुरुस्त कराने के लिए सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके के लिए शिकायत एल वन अधिकारी लोक निर्माण विभाग की एसडीओ सीमा सगर के कार्यालय में भेजी गई। सगर ने पुरोहित को फोनकर कार्यालय बुलाया और कहा, वह 10 दिन में सड़क का निर्माण करा देंगी। करीब 15 दिन बाद सगर ने उन्हें फोन पर बताया कि मार्ग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनाई जाएगी, इसलिए मामला सीएम ग्राम सड़क योजना के कार्यालय में भेजा गया है। वहां पुरोहित को बताया गया, यह रास्ता लोक निर्माण विभाग से बनाया जाएगा। सड़क नहीं बनने पर 21 अगस्त को पुरोहित कलेक्टर के पास जनसुनवाई में फरियाद लेकर पहुंचे। कलेक्टर ने उनका आवेदन लिया और लोक निर्माण विभाग के काउंटर पर भेज दिया। वहां कोई मौजूद नहीं होने पर वे कलेक्टर के पास वापस आए तो कलेक्टर ने उन पर बकवास करने का आरोप लगाते हुए भड़क गए। कलेक्टर ने पुलिस बुलाकर पुरोहित को कोतवाली थाने भिजवा दिया। जहां शाम 5 बजे तक उन्हें बैठाए रखा गया। बाद में उन्हें धारा-151 के तहत गिरफ्तार कर एसडीएम कोर्ट ले जाया। एसडीएम अपने कार्यालय में नहीं थे तो उन्होंने फोन पर ही अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को निर्देश देकर उसका वारंट तैयार कराया और जेल भेज दिया। इतना ही नहीं 4 दिन तक उनकी जमानत भी नहीं होने दी गई थी।

जिलेभर में आक्रोश
समस्या को लेकर कलेक्टर के बर्ताव पर लोगों में काफी आक्रोश है। कई बार अलग-अलग संघठनों ने रैलियां निकालकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपे और कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जिला कांग्रेस कमेटी, सर्वब्राह्मण और सर्व समाज ने अन्य दोषी अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की। गाडरवारा में कांग्रेस नेत्री सुनीता पटेल के नेतृत्व में रैली निकाली गई। प्रदर्शन कर्ताओं का कहना था कि कलेक्टर आचरण उनके पद की गरिमा और मर्यादा के विपरीत है। जनता का दर्द समझने की बजाय उन्हें प्रताडि़त या हतोत्साहित करने वाले ऐसे अधिकारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्हें पद से हटाया जाना चाहिए। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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