यह है मामला
पुलिस के अनुसार गंगानगर निवासी रामकृष्ण खरे कलेक्ट्रेट में कार्यरत हैं। उनका बेटा सौरभ खरे (३२) अपने छोटे भाई राजू उर्फ शुभम खरे के साथ बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई का काम करता था। ०४ फरवरी रविवार रात लगभग साढ़े १२ बजे सौरभ व राजू घर के बाहर टहल रहे थे, तभी स्कूटी पर सवार हेमेन्द्र ठाकुर उर्फ हेमू वहां पहुंचा। हेमेन्द्र ने गाड़ी रोकी और सौरभ से बात करने लगा। उसी समय उत्कर्ष दुबे भी वहांं पहुंच गया। प्रॉपर्टी के विवाद को लेकर कहा-सुनी शुरू हो गई।
गर्दन पर मारी गोली
पुलिस के अनुसार पहले तो हेमू और उत्कर्ष ने सौरभ के साथ गाली गलौज व मारपीट की। बाद में हेमू ने पिस्टल निकाली और सौरभ की गर्दन पर अड़ा दी। सौरभ कुछ समझ पाता इसके पहले हेमू ने उस पर गोली दाग दी। भाई राजू बचाव के लिए सौरभ की तरफ दौड़ा। इस बीच हेमू व उत्कर्ष फरार हो गए। गोली लगने के कारण खून से लथपथ सौरभ बेहोश हो गया। परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी की। परिजन सौरभ को अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
क्षेत्र में आक्रोश
घटना के बाद क्षेत्र में आक्रोश फैल गया। इस मामले में लोगों ने थाने में धरना प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकर्ताओं का आरोप था कि पुलिस की निष्क्रियता की वजह से इस तरह की वारदातें बढ़ रही हैं। प्रदर्शनकर्ताओं की मांग थी कि आरोपितों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।
दस दिन से थे फरार
संजीवनी नगर थाना प्रभारी संजय भलावी ने बताया कि वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपित शहर छोड़कर भाग गए थे। पुलिस को गुरुवार को सूचना मिली कि दोनों आरोपित शहर आए हैं। यह पता चलते ही पुलिस ने घेराबंदी की और योजनाबद्ध तरीके से दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से वारदात में प्रयुक्त पिस्टल भी जब्त कर ली गई है।