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गैंगरेप के बाद छात्रा को जिंदा जलाया, अब सूली पर चढ़ेगा दरिंदा

locationजबलपुरPublished: Jan 17, 2019 08:34:45 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

दुराचारी की फांसी पर हाईकोर्ट ने लगाई मुहर

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने सागर जिले के भानगढ़ थाना क्षेत्र में नौवीं की छात्रा से सामूहिक बलात्कार के बाद जिंदा जला देने की दिल दहला देने वाली वारदात के अपराधी को जिला अदालत की ओर से दी गई फांसी की सजा की पुष्टि कर दी है। जस्टिस पीके जायसवाल व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच ने मामले को विरल से विरलतम मानने के जिला अदालत के निर्णय को सही करार दिया। कोर्ट ने कहा कि अपराधी को मृत्युदंड देने के पर्याप्त आधार हैं।

रेप के बाद लगाई आग
अभियोजन के अनुसार आरोपित व एक अन्य नाबालिग किशोर ने मिलकर सागर जिले के भानगढ़ थानातंर्गत देवलगांव में सात दिसम्बर 2017 को छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार करने के बाद उस पर केरोसिन डालकर आग लगा दी थी। छात्रा को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां सात दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। आरोपी पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं, भादंवि की धारा 376 व 302 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया था। 20 अगस्त 2018 को बीना के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आलोक मिश्रा की अदालत ने आरोपी रब्बू उर्फ सर्वेश सेन को मौत की सजा सुनाई।

रामचरितमानस मानस का जिक्र
एडीजे मिश्रा ने अपने निर्णय में रामचरित मानस की चौपाई, जस जस सुरसा बदन बढ़ावा, तासु दून कपि रूप दिखावा का जिक्र किया था। कोर्ट ने कहा था कि जैसे-जैसे अपराध बढ़ेंगे, वैसे-वैसे इनकी रोकथाम के लिए दंड में कठोरता बरतनी होगी। न्यायाधीश ने क्राइम ऑफ इंडिया के आंकड़ों का हवाला देकर कहा था कि यौन शोषण से सम्बंधित सर्वाधिक मामले मप्र में दर्ज हुए।

इन चार आधारों पर पुष्टि
हाईकोर्ट ने चार साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को फांसी की सजा उचित ठहराई। इसमें अहम थे प्रत्यक्षदर्शियों के बयान व पीडि़ता के मृत्युपूर्व कथन, जिसमें पीडि़ता ने आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। जांच अधिकारी के बयान, धारा 164 के तहत जज द्वारा सागर में लिए गए बयान, आरोपी की पॉजिटिव डीएनए रिपोर्ट आदि साक्ष्यों को कोर्ट ने अकाट्य माना।

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