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एक ही घर में रहनेवाले पति-पत्नी के अलग-अलग वार्ड, मतदान केंद्र बदल जाने से रूठ गईं पत्नी

locationजबलपुरPublished: Jul 06, 2022 05:19:06 pm

Submitted by:

deepak deewan

पति-पत्नी ने चुने अलग अलग पार्षद
 

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पति-पत्नी ने चुने अलग अलग पार्षद

जबलपुर। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों में आज जिन 11 निगमों में वोटिंग हो रही है उनमें जबलपुर भी शामिल है। नगर सरकार चुने जाने के लिए पहले चरण में वोटिंग अभी चल रही है. हालांकि शहर में मतदान के प्रति मतदाताओं का रुझान कुछ कम दिख रहा है. जबलपुर में दोपहर 1 बजे तक सिर्फ 32% वोटिंग ही हुई थी जबकि प्रदेशभर में इस अवधि तक 42% वोटिंग हो चुकी थी। शहर में कई लोगों के मतदान केंद्र ही बदल दिए गए हैं। एक वार्ड के कई लोगों को वोट डालने के लिए दूसरे वार्डों का मतदान केंद्र मिला। बेटे ने किसी वार्ड में वोट डाला लेकिन माता-पिता का वार्ड चेंज कर दिया गया। और तो और एक ही घर में साथ रह रहे पति—पत्नी के भी अलग—अलग वार्ड में मतदान केंद्र बना दिए गए हैं. ऐसे में घरेलू विवाद भी सामने आ रहे हैं.

भगत सिंह वार्ड में वोटिंग से पहले मतदाता सूची में अपना नाम न आने के कारण पत्नी अपने पति से रूठ गई। पति ने काफी मान—मनौवल की जिसके बाद ही पत्नी मानी. बमुश्किल मानी पत्नी ने नए वार्ड में मतदान केंद्र जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इधर पति ने भी अपने वार्ड में मतदान केंद्र जाकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को चुन लिया।

घटना के संबंध में नागरिक विजय साहू ने बताया कि वे सपत्नीक भगत सिंह वार्ड क्रमांक 63 में रहते हैं। वे कई सालों से अपनी पत्नी के साथ इसी वार्ड में मतदान करते आए हैं। नगर सरकार को चुनने के लिए भी ऐसा ही हुआ है. हम दोनों पति पत्नी एक ही वार्ड के लिए एक ही पोलिंग बूथ पर एक साथ जाकर मतदान करते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी पत्नी का नाम इस वार्ड से अलग कर दिया गया. उनका नाम महर्षि सुदर्शन वार्ड में डाल दिया गया। प्रशासनिक चूक के कारण पति —पत्नी में विवाद होने की नौबत आ गई।

वोटिंग के ऐन पहले वार्ड बदल जाने की बात सुनकर पत्नी नाराज हो गई. वे अपने पति के साथ ही वोट डालने जाने की ही जिद करते रहीं जबकि पति का नाम भगत सिंह वार्ड में ही था। पति ने उन्हें बहुत समझाया, हर प्रकार से मनाया तब जाकर वे मानीं. इसके बाद उन्होंने महर्षि सुदर्शन वार्ड में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस तरह एक ही घर में रहने वाले पति पत्नी ने अलग-अलग पार्षद प्रत्याशी के लिए मतदान किया। हालांकि पति ने इसे स्पष्ट रूप से प्रशासनिक चूक ही बताया है।

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