भगत सिंह वार्ड में वोटिंग से पहले मतदाता सूची में अपना नाम न आने के कारण पत्नी अपने पति से रूठ गई। पति ने काफी मान—मनौवल की जिसके बाद ही पत्नी मानी. बमुश्किल मानी पत्नी ने नए वार्ड में मतदान केंद्र जाकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इधर पति ने भी अपने वार्ड में मतदान केंद्र जाकर अपने पसंदीदा प्रत्याशी को चुन लिया।
घटना के संबंध में नागरिक विजय साहू ने बताया कि वे सपत्नीक भगत सिंह वार्ड क्रमांक 63 में रहते हैं। वे कई सालों से अपनी पत्नी के साथ इसी वार्ड में मतदान करते आए हैं। नगर सरकार को चुनने के लिए भी ऐसा ही हुआ है. हम दोनों पति पत्नी एक ही वार्ड के लिए एक ही पोलिंग बूथ पर एक साथ जाकर मतदान करते रहे हैं लेकिन इस बार उनकी पत्नी का नाम इस वार्ड से अलग कर दिया गया. उनका नाम महर्षि सुदर्शन वार्ड में डाल दिया गया। प्रशासनिक चूक के कारण पति —पत्नी में विवाद होने की नौबत आ गई।
वोटिंग के ऐन पहले वार्ड बदल जाने की बात सुनकर पत्नी नाराज हो गई. वे अपने पति के साथ ही वोट डालने जाने की ही जिद करते रहीं जबकि पति का नाम भगत सिंह वार्ड में ही था। पति ने उन्हें बहुत समझाया, हर प्रकार से मनाया तब जाकर वे मानीं. इसके बाद उन्होंने महर्षि सुदर्शन वार्ड में अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस तरह एक ही घर में रहने वाले पति पत्नी ने अलग-अलग पार्षद प्रत्याशी के लिए मतदान किया। हालांकि पति ने इसे स्पष्ट रूप से प्रशासनिक चूक ही बताया है।