ये है मामला
जीसीएफ के सुरक्षा विभाग में पदस्थ जेडब्ल्यूएम अर्जुन लाल कोल की तबियत बिगडऩे पर परिजन पनेहरा स्थित क्वार्टर से जीसीएफ अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। शव को मर्चुरी में रखवा दिया गया। गुरुवार दोपहर शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भिजवाया गया। शव को बंद वाहन के बजाय खुले ट्रक में ले जाया जा रहा था। इस बात पर परिजन ने आपत्ति की। मजदूर संघ के मिठाईलाल रजक, रोहित यादव, राजा पांडे और कुमार संजय ने भी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने अस्पताल के सीएमओ डॉ. एमएस मंजूनाथ से बंद वाहन उपलब्ध कराने की मांग की। संघ पदाधिकारियों ने कहा कि इसकी शिकायत प्रभारी महाप्रबंधक से की गई, लेकिन इसके बाद भी बस में शव ले जाने के लिए सीएमओ ने आदेश किया। पुन: इससे प्रभारी महाप्रबंधक को अवगत कराया गया। उन्होंने एम्बुलेंस में शव ले जाने के लिए आदेश दिया। जीसीएफ के जनसम्पर्क अधिकारी संजय श्रीवास्तव ने बताया कि लॉकडाउन खुलने के समय में जेडब्ल्यूएम फैक्ट्री आए थे। जब वे गेट पर पहुंचे तो स्वास्थ्य की जांच में उनका तापमान ज्यादा था। उन्हें पहले जीसीएफ फिर विक्टोरिया अस्पताल भेजा गया। वहां से उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया था। बुधवार को उनकी मृत्यु हो गई।