मां का पूरा कर रहे सपना
कर्नल रवीन्द्र बताते हैं कि वे मूलत: पंजाब के हैं। पंजाब में जिस कस्बे में वे रहते थे वहां से 40 किमी के क्षेत्र में कोई डॉक्टर नहीं था। वे बचपन में रिश्तेदार डॉक्टर का बैग पकड़कर चलते थे। उनके घर में ही दवाएं रखी जाती थी। बचपन का किस्सा बताते हुए उनकी आंखे नम हो गई कि कस्बे के अलावा दूर दराज से तकलीफ होने पर लोग कहते थे कि बीजी के घर चले जाओ, वहां दवा मिल जाएगी। वह एक एेसा मंजर था, जिसे वे भूल नहीं सकते हैं और वे सेवानिवृत होने के बाद उस यादा को जीवित रखे हुए हैं ताकि उन लोगों को चिकित्सा लाभ मिल सके, जो जरूरतमंद हैं।
मरीजों की हालत देखकर सेवा शुरू
सेवानिवृत डॉ. जीके मल्होत्रा बताती हैं कि उन्होंने एल्गिन अस्पताल में रहते हुए एेसे मरीज देखें हैं, जो आर्थिक रूप से इतने कमजोर थे कि कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसके साथ ही देश-विदेश की कॉन्फ्रेंस में जाकर जब मरीजों की हालत और उनके आंकड़े देखते तो हम सेवानिवृत होने के बाद खुद एेसे लोगों की सेवा में लग गए हैं। हमें अभी भी याद है कि नया मोहल्ला से करीब अस्सी वर्ष का वयोवृद्ध आया। मैंने उसकी जांच की और जांच के बाद जब उसे दवा और टॉनिक की बोतल दी तो उसकी आंखे भर आई। उसका कहना था कि उसकी इतनी लंबी जिंदगी में किसी ने भी हमें टॉनिक नहीं दी।
कर्नल रवीन्द्र बताते हैं कि वे मूलत: पंजाब के हैं। पंजाब में जिस कस्बे में वे रहते थे वहां से 40 किमी के क्षेत्र में कोई डॉक्टर नहीं था। वे बचपन में रिश्तेदार डॉक्टर का बैग पकड़कर चलते थे। उनके घर में ही दवाएं रखी जाती थी। बचपन का किस्सा बताते हुए उनकी आंखे नम हो गई कि कस्बे के अलावा दूर दराज से तकलीफ होने पर लोग कहते थे कि बीजी के घर चले जाओ, वहां दवा मिल जाएगी। वह एक एेसा मंजर था, जिसे वे भूल नहीं सकते हैं और वे सेवानिवृत होने के बाद उस यादा को जीवित रखे हुए हैं ताकि उन लोगों को चिकित्सा लाभ मिल सके, जो जरूरतमंद हैं।
मरीजों की हालत देखकर सेवा शुरू
सेवानिवृत डॉ. जीके मल्होत्रा बताती हैं कि उन्होंने एल्गिन अस्पताल में रहते हुए एेसे मरीज देखें हैं, जो आर्थिक रूप से इतने कमजोर थे कि कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसके साथ ही देश-विदेश की कॉन्फ्रेंस में जाकर जब मरीजों की हालत और उनके आंकड़े देखते तो हम सेवानिवृत होने के बाद खुद एेसे लोगों की सेवा में लग गए हैं। हमें अभी भी याद है कि नया मोहल्ला से करीब अस्सी वर्ष का वयोवृद्ध आया। मैंने उसकी जांच की और जांच के बाद जब उसे दवा और टॉनिक की बोतल दी तो उसकी आंखे भर आई। उसका कहना था कि उसकी इतनी लंबी जिंदगी में किसी ने भी हमें टॉनिक नहीं दी।