साधूराम हाईस्कूल का भवन बदहाल
साधूराम हाईस्कूल का सौ वर्ष से भी पुराना भवन है। पुराने भवन के ऊपर का हिस्सा जर्जर हो चुका है और उसके सुधार का कार्य नहीं कराया गया। भवन के नीचे के हिस्से में कक्षाएं लगती हैं और ऐसे में बारिश के दिनों में गैलरी में पानी भरने के साथ ही छप्पर का हिस्सा नीचे गिरने की आशंका बनी रहती है। स्कूल में कभी छात्रों की संख्या ३०० से ऊपर होती थी जबकि इन दिनों मात्र सवा सौ छात्र ही अध्ययन कर रहे हैं।
केसीएस मिडिल स्कूल का छप्पर जर्जर
नगर निगम कार्यालय के बगल में संचालित केसीएस स्कूल में शहर की छात्राएं अध्ययन करती हैं। दो सौ से अधिक दर्ज संख्या के बाद भी स्कूल की व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो सकी हैं। यहां पर मिडिल स्कूल के पुराने भवन का छप्पर जर्जर है और उसके गिरने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा बारिश में कमरों में पानी भर जाता है। परिसर में ही लगाई गई बिजली में नंगे तार झूल रहे हैं और उनसे भी बारिश में करंट आने की आशंका है। स्कूल परिसर में पुराने कमरों को जर्जर घोषित कर बंद कर दिया गया है लेकिन अभी तक उनके गिराने का कार्य नहीं हुआ है, जिससे भी बारिश में छात्राओं को खतरा रहता है।
डेढ़ साल से नहीं गिरा पाए भवन
गणेश चौक स्थित पुरवार पुत्री शाला का एक भवन जर्जर व खतरनाक है। इसे जर्जर घोषित करते हुए तोडऩे के आदेश भी हो चुके हैं। डेढ़ साल बाद भी नगर निगम भवन को गिरा नहीं पाया है। इससे बारिश के दिनों में छात्राओं के दुर्घटना का शिकार होने की आशंका बनी हुई है। मदनमोहन चौबे वार्ड मिडिल व प्राइमरी स्कूल का भवन भी वर्षों से बदहाल है तो बरगवां प्राइमरी व मिडिल स्कूल के भवन में भी टपकते छत के बीच छात्र पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
ठेकेदार ने मई तक संतोषजनक काम नहीं किया
कटनी नदी पर पुल निर्माण का काम करवा रहे ठेकेदार द्वारा सेंटिंग खोलने की जानकारी मिली है। ठेकेदार ने मई तक संतोषजनक काम नहीं किया, इस कारण टर्मिनेट करने की प्रक्रिया चल रही है।
दिनेश कौरव, इंजीनियर सेतु विभाग पीडब्ल्यूडी