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50 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट, ये है वजह

locationजबलपुरPublished: Mar 16, 2018 09:13:05 am

Submitted by:

manoj Verma

पचास परिवार पर रोजी-रोजी का संकट, लाखों रुपए में बेच दी 24 गुमटियां

50 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट...जाने ये है वजह

50 परिवारों पर छाया रोजी-रोटी का संकट…जाने ये है वजह

गुमटियां रखकर जीविकोपार्जन करने वाले करीब पचास लोगों पर केन्ट प्रशासन ने दोहरा प्रहार किया है। प्रशासन ने पहले उनकी गुमटियां हटवाई और फिर नई बनी गुमटियां उन्हें न देकर अन्य लोगों को आवंटित कर दी। इससे पचास परिवारों पर रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं। केन्ट प्रशासन अब इस बात से मुकर रहा कि उसने कोई वादा किया था, जबकि निजी गुमटियां केन्ट प्रशासन के ही कहने पर रखी गई थी और उन्हें हटाते समय यह वादा किया गया था कि नई गुमटियां बनते ही उन्हें आवंटित कर दी जाएंगी।
जबलपुर। केन्ट प्रशासन का एक एेसा कारनामा सामने आया है, जिसमें सदर से कटंगा रोड के किनारे गुमटी लगाकर परिवार पालने वाले करीब पचास परिवारों को सड़क पर ला दिया गया है। इन परिवारों के मुखिया सड़क के किनारे गुमटी लगाकर व्यापार कर रहे थे, जिससे उनका जीविकोपार्जन चल रहा था।
केन्ट प्रशासन ने दिया था बिल्ला-
वर्ष 2015 में केन्ट प्रशासन ने गुमटी संचालक को लोहे का एक बिल्ला दिया था। तत्कालीन सीईओ ने गुमटी वालों को यह हिदायत दी थी कि बिना बिल्ला के कोई भी गुमटी नहीं संचालित कर पाएगा अन्यथा वह अतिक्रमण की श्रेणी में आएगा और प्रशासन उसे वहां से हटा देगा। गुमटियां रखने की अनुमति के साथ रजिस्ट्रेशन फीस ली थी। फीस के अलावा गुमटी का टैक्स भी नियमित रूप से लिया जाता रहा।
एक वर्ष पहले किया था वादा-
गुमटी लगाने वालों ने बताया कि करीब एक वर्ष पहले केन्ट प्रशासन ने गुमटियों को व्यवस्थित बनाने की योजना बताई। उस समय केंट प्रशासन ने वादा किया था कि वे अपनी गुमटियां हटा लें। प्रशासन नई गुमटियां बना रहा है और उन्हें वे गुमटियां आवंटित कर देगा।
हुआ यह : केंट के नाके समीप करीब २४ गुमटियां तैयार की गई। गुमटियां तैयार होने के बाद केन्ट प्रशासन ने निजी गुमटी वालों को नई गुमटियां आवंटित करने का भरोसा दिलाया। जानकार कहते हैं कि गुमटियां आवंटन का समय आया तो प्रशासन ने रातों-रात गुमटियां अन्य लोगों को आवंटित कर दी।
ऑफ दी रिकार्ड: क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गुमटी आवंटन में लाखों रुपए के वारे-न्यारे हो गए हैं। गुमटी आवंटन की राशि एक-एक लाख रुपए जरूर रखी गई थी लेकिन हकीकत में एक-एक गुमटी वालों से इससे कई गुनी राशि वसूल की है। इस राशि का आवंटन में उल्लेख नहीं किया गया है। लोगों का यह भी कहना है कि गुमटी आवंटन में एक ही परिवार के लोगों को अघोषित रूप से फायदा पहुंचाया गया है।
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