scriptशहपुरा बैंक चोरी में ‘स्थानीय सोर्स’ तलाश रही पुलिस | Shahpura bank seeks 'local sources' in police custody | Patrika News

शहपुरा बैंक चोरी में ‘स्थानीय सोर्स’ तलाश रही पुलिस

locationजबलपुरPublished: Feb 24, 2019 11:35:56 am

Submitted by:

santosh singh

फॉरेंसिक टीम सोमवार तक भोपाल से पहुंचेगी जबलपुर

crime

MP Big News

जबलपुर . शहपुरा स्थित सहकारी बैंक से 80 लाख कैश चोरी की घटना में पुलिस स्थानीय सोर्स की तलाश में जुट गयी है। पूर्व की घटनाओं की छानबीन में पता चला कि इस तरह का गैंग हर घटना में किसी न किसी स्थानीय की मदद लेता है। यहां तक कि गैंग कई दिन पहले से उस विशेष क्षेत्र में अपना डेरा जमा लेते हैं। उनका पूरा कुनबा उस क्षेत्र में रुकता है। पुलिस इस तरह के क्लू ढंूढऩे में जुटी है। शनिवार रात को एएसपी ग्रामीण रायसिंह नरवरिया और क्राइम ब्रांच एएसपी शिवेश सिंह बघेल शहपुरा पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने एसआइटी द्वारा अब तक की गई जांच की समीक्षा की।
रेकी कर चोरी की वारदात को दिया गया अंजाम
पुलिस सूत्रों की मानें तो जांच में पता चला है कि गैंग के सदस्यों को कैश चेम्बर तोडऩे में तीन से चार घंटे का समय लगा होगा। इसके लिए लगातार गैस कटर का प्रयोग किया गया होगा। इस तरह की वारदात को अंजाम देने वाले गैंग के बारे में पता चला है कि वह चिन्हित क्षेत्र में 10 से 15 दिन पहले ही अपना डेरा जमा लेते हैं। रेकी कर पूरी योजना तैयार करते हैं। इसके बाद वारदात को अंजाम दिया जाता है।
सभी की भूमिका रहती है तय
इस तरह के गिरोह में सामान ढोने के साथ-साथ कैश चेम्बर काटने वाले एक्सपर्ट शामिल होते हैं। सभी के काम बंटे रहते हैं। मसलन ऑक्सीजन सिलेंडर और गैस सिलेंडर कौन उठाएगा। गैस कटन की रोशनी को रोकने के लिए मोटा कम्बल या फिर रजाई का इस्तेमाल करते हैं।
इस तरह का बना होता है कैश चेम्बर
ऊपरी और बाहरी परत मोटे लोहे की होती है। बीच में ठोस पत्थर रहता है। इसके बाद अंदर नोटों का बंडल रहता है। तीन से चार घंटे तक लगातार चेम्बर को गैस कटर से काटने पर लोहा गरम होने का खतरा रहता है। ऐसे में उसे पानी से बीच-बीच में ठंडा किया जाता है। जिससे नोटों के बंडल को नुकसान न हो। वारदात की जांच में मौके पर पानी गिरने की पुष्टि हुई थी।
फिंगर और फुट प्रिंट मिलान के लिए भेजा गया
मामले की जांच कर रही एसआइटी टीम को छिंदवाड़ा मामले में गिरफ्तार आरोपियों के फिंगर व फुट प्रिंट मिल चुके है। वहीं अनूपपुर के फिंगर प्रिंट भी रविवार तक मिल जाएगा। दोनों फिंगर प्रिंटों से घटनास्थल पर मिले फिंगर प्रिंटों से मिलान के लिए एक्सपर्ट के पास भेजा गया है। उधर, मामले की जांच करने भोपाल से सीआइडी की दूसरी एक्सपर्ट टीम सोमवार को आएगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो