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तीन जून को तीन अमावस्या का योग, शांत होंगे शनि, मिलेगा अखंड सौभाग्य

locationजबलपुरPublished: May 30, 2019 10:42:47 am

Submitted by:

Lalit kostha

तीन जून को तीन अमावस्या का योग, शांत होंगे शनि, मिलेगा अखंड सौभाग्य
 

jaipur

shani amavasya, vat savitri amavasya, Somvati Amavasya Vrat Vidhi 3 june 2019

जबलपुर. ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तीन जून को धार्मिक अनुष्ठान के कई संयोग होंगे। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस दिन स्तुति-आराधना विशेष पुण्यकारी होगी। सर्वार्थसिद्ध योग में एक ही दिन तीन अमावस्या के संयोग में शनि देव का प्राकट्योत्सव भी मनाया जाएगा। शनि भक्तों ने मंदिरों में तेलार्चन और अनुष्ठान की तैयारी की है। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार तीन जून को सूर्योदय से रात्रि तक सर्वार्थसिद्ध योग रहेगा। ऐसे योग में किए गए अनुष्ठान पूर्ण रूप से फलदायक होते हैं। सोमवार के दिन अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या , स्नान-दान और वट सावत्री अमावस्या का विशेष संयोग बन रहा है। जबकि, ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा शनि का प्राकट्योत्सव भी अमावस्या के दिन ही मनाया जाता है।

news facts-

तीन जून को तीन अमावस्या का योग
तीन जून को सर्वार्थसिद्ध योग में पुण्यकारी होंगे अनुष्ठान
तीन अमावस्या के विशेष संयोग में होगी शनि उपासना
वट सावित्री पूजन कर सुहागिनें करेंगी अखंड सौभाग्य की कामना

धर्ममय होंगे नर्मदा तट
स्नान-दान अमावस्या को सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालु नर्मदा में स्नान-दान कर पुण्य अर्जित करेंगे। धार्मिक अनुष्ठान होंगे। सोमवती अमावस्या को भगवान शिव के मंदिरों में रुद्राभिषेक पुण्यकारी होगा। वट सावत्री पूजन में सुहागिनें वट वृक्ष, तुलसी की परिक्रमा कर अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को सती सावित्री ने पूजन किया। तप शक्ति से उन्होंने यमराज से अपने पति के प्राण वापस ले लिया था। उसी दिन से इस व्रत को वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है।

मंदिरों में होगा तेलार्चन, महाआरती
शनि ग्रह के प्राकट्य की तिथि में शनि मंदिरों में तेलार्चन कर लोग सुख सौभाग्य की कामना करेंगे। ज्योतिर्विद चंद्रशेखर शास्त्री के अनुसार शनि प्राकट्योत्सव में पूजन करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। जिन लोगों को शनि की साढ़ेसाती, ढैया की दशा है, वे उपासना करेंगे तो शनि की कृपा होगी। इस मौके पर शनिधाम तिलवाराघाट, श्रीराम लला मंदिर ग्वारीघाट स्थित शनि मंदिर, गंगासागर तालाब स्थित सीताराम उस्ताद अखाड़ा में निर्मित शनि देव की प्रतिमा के समक्ष अनुष्ठान किए जाएंगे। व्यायामशाला के उस्ताद गोलू पहलवान ने बताया, शाम को महाआरती व भंडारा किया जाएगा।

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