scriptshani jayanti 2018: शनि साढ़ेसाती से बचना है तो करें इस खास मंत्र का जाप | shani mantra in hindi | Patrika News

shani jayanti 2018: शनि साढ़ेसाती से बचना है तो करें इस खास मंत्र का जाप

locationजबलपुरPublished: May 13, 2018 10:34:22 am

Submitted by:

Lalit kostha

शनिदेव का ये खास मंत्र, जाप करने वाले को नहीं लगता शनि दोष

aaj ka rashifal in hindi, shanichai amawasya

shani Dev

जबलपुर। शनि चरित्र में कर्म की प्रधानता है। शनि उपासना कर्म और कर्तव्य के प्रति दृढ़ संकल्पित व प्रेरित करती है। शास्त्रों के मुताबिक शनि बुरे कर्म करने पर ही प्राणियों को अनेक तरह से दण्डित करते हैं, जो धार्मिक दृष्टि से शनि दशा, शनि की चाल या शनि की क्रूर दृष्टि के रूप में जानी जाती है। माना जाता है कि सांसारिक जीवन में शनि का यह दण्ड शरीर, मन या आर्थिक परेशानियों के रूप में मिलता है। चूंकि हर प्राणी कर्म व कर्तव्यों से किसी न किसी रूप में जुड़ा होता है, इसलिए जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए पैदा हुई हित या स्वार्थ पूर्ति की भावना से जाने-अनजाने मन, विचार व कर्म दोषों का भागी बनता है। धर्म की दृष्टि से ऐसे दोषों का शमन प्रायश्चित व क्षमा द्वारा संभव है।
यही कारण है कि किसी भी रूप में कर्म, विचार या व्यवहार से हुए बुरे कामों के लिए न्यायाधीश शनि का ध्यान कर उनसे विशेष मंत्र से क्षमा मांगना शनि कृपा से सारे रुके, बिगड़े या मनचाहे कामों को पूरा करने का बेहतर उपाय साबित होगा।


शनिवार को शनि पूजा कर क्षमा प्रार्थना का विशेष मंत्र बोलें –
शनिवार को स्नान के बाद यथासंभव काले वस्त्र पहनकर शनि मंदिर में शनि देव का ध्यान कर प्रतिमा को पवित्र जल, तिल या सरसों का तेल, काला वस्त्र, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित करें। सरल शनि मंत्रों जैसे ‘ॐ शं शनिश्चराय नम:’ शनि चालीसा या शनि स्त्रोत का पाठ करें।


– मंत्र ध्यान व पूजा के बाद शनिदेव की आरती कर नीचे लिखे मंत्र से जाने-अनजाने हुए बुरे कर्म व विचार के लिये क्षमा मांग आने वाले वक्त को सुखद व सफल बनाने की कामना करें –

अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।


शनि देव भगवान सूर्य के पुत्र है । शनि देव को जज माना जाता है । मनुष्य के अछे बुरे काम का फल शनिदेव ही देते है । शनिदेव को प्रसन करने के लिए शनिवार को शनिदेव पर तेल चढ़ाये और शनिदेव जी के मंत्र का जाप करे ।

शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः।
शनि देव महाराज के वैदिक मंत्र – ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये।
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र – ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
शनि देव जी का गायत्री मंत्र – ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।


शनिदेव महाराज जी के अन्य मंत्र –

ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ मन्दाय नमः।
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।

साढ़ेसाती से बचने के मंत्र-

ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।
ऊँ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्‌।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्‌।

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