ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला ने बताया, बैसाख माह में शनिश्चरी अमावस्या में शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए स्तुति फलदायी होगी। वर्तमान संवत्सर में ग्रहों के मंत्रिमंडल में शनि राजा हैं। इस कारण यह संयोग और पुण्यकारी है। शनि ग्रह सिर्फ पीड़ा नहीं देते हैं बल्कि जिस राशि के जातकों पर उनकी कृपा होती है, ऐसे जातकों का हित होता है। शनि न्याय के देवता हैं। शनि की दशा चाहे जैसी भी हो, सभी लोगों को शनि ग्रह की उपासना करनी चाहिए।
विशेष योग में होंगे विशेष अनुष्ठान
तिलवाराघाट स्थित शनि मंदिर में सुबह से शाम तक शनि देव की पूजा की जाएगी। मंदिर के व्यवस्थापक सतीश तिवारी एवं पुजारी अनिल मिश्रा ने बताया, इस दिन त्रिग्रही योग बन रहा है- सूर्य, बुद्ध और चंद्रमा एक साथ मेष राशि में होंगे। मंगल और शनि षणाष्टक योग बनाएंगे। श्री रामलला मंदिर ग्वारीघाट स्थित शनि देव के मंदिर मेंं तेलार्चन, अभिषेक व रात में महाआरती की जाएगी। गंगासागर तालाब के किनारे सीताराम उस्ताद अखाड़ा स्थित शनि प्रतिमा का पूजन अर्चन कर लोग मंगल कामना करेंगे।
मंदिर संरक्षक गोलू पहलवान ने बताया, सुबह शनि देव का अभिषेक एवं शाम को महाआरती व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। नर्मदा तट खारीघाट स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में काफी संख्या में लोग पूजन अर्चन करने जाएंगे। इस मंदिर में हनुमान जी अपना बैर शनि ग्रह के सिर पर रखे हुए हैं।