शारंग तोप प्रोजेक्ट में तमाम विभाग एवं अनुभागों के करीब 35 लोगों की टीम ने काम किया है। ग्रुप ऑफिसर शारंग तोप व संयुक्त महाप्रबंधक रामेश्वर मीणा है। टीम के प्रत्येक सदस्य को फ्लैगिंग ऑफ सेरेमनी में प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि कंट्रोलर सीक्यूए (डब्ल्यू) ब्रिगेडियर आइएम सिंह थे। विशिष्ट अतिथि कंट्रोलर सीक्यूए (ओएफवी) थे। इस दौरान अपर महाप्रबंधक ओपी तिवारी, कर्नल एके गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर शारंग/डब्ल्यूडीइटी लेफ्टिनेंट कर्नल रजत टंडन, एएन अडकर और यूनियन-एसोसिएशन, जेसीएम, वक्र्स कमेटी के सदस्य मौजूद थे। आइनोट मिलने के बाद जीसीएफ की पांच तोप को भी सेना के हवाले किया जा चुका है। यानी इन्हें मिलाकर कुल आठ शारंग तोप सेना के पास हो गई हैं। इस संबंध में अभी अधिकृत कार्यक्रम जीसीएफ में नहीं किया गया है। वीकल फैक्ट्री की पहचान सेना के लिए वाहन बनाने के लिए पूरे देश में है। जहां भी सैन्य वाहन नजर आता है उसमें वीकल फैक्ट्री जबलपुर लिखा होता है। चाहे पहले का शक्तिमान हो या नई पीढ़ी का स्टालियन और एलपीटीए वाहन। लेकिन अब तोप पर भी वीकल फैक्ट्री जबलपुर का लोगो नजर आएगा। वीएफजे के जनसम्पर्क अधिकारी एके राय ने बताया कि तीन शारंग तोप को तैयार कर सेना के सुपुर्द किया गया। अब हर महीने 6 से 8 तोप बनाकर सेना को सौंपने का लक्ष्य तय किया गया है।