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नवरात्रि 2019 : इस बार बन रहा विशेष संयोग, इन बातों का रखें ध्यान बनी रहेगी देवी मां की कृपा

locationजबलपुरPublished: Sep 21, 2019 07:12:28 pm

Submitted by:

abhishek dixit

– 29 सितम्बर से शुरू हो रही नवरात्र, इस बार तिथि का क्षय नहीं- हाथी पर विराजमान होकर आएगी भगवती- सर्वार्थसिद्ध सिद्ध और अमृत सिद्ध योग में होगी घटस्थापना

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जबलपुर. शुभ योग में शुरू हो रही नवरात्र सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली होगी। अमृत सिद्ध योग और सर्वार्थसिद्ध योग में हाथी पर विराजित होकर भगवती का आममन होगा और घोड़े पर सवार होकर वापस जाएगी। नवरात्र में इसे शुभ योग माना जा रहा है। 29 सितम्बर से नवरात्र शुरू होगी। इस बार तिथि का क्षय नहीं होगा। नौ दिन में देवी के नौ स्वरूपों की उपासना की जाएगी। ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार नवरात्रि में आदिशक्ति देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा। रविवार को शुरू होने वाली नवरात्र में यह शुभ योग है। जब भगवती हाथी पर विराजित होकर आती हैं तो वर्षा अच्छी होती है। अनाज और फल का उत्पादन ज्यादा होता है। धरती हरी भरी रहती है। सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

विशेष मुहूर्त में होगी घट स्थापना
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 29 सितम्बर को नवरात्र प्रतिपदा है। इस दिन सूर्योदय से रात 9. 29 बजे तक सर्वार्थसिद्ध योग एवं अमृत सिद्ध योग है। दोनों विशेष योग एक साथ मिलेंगे। यहीं कारण है कि प्रथम दिन धार्मिक अनुष्ठान भी ज्यादा लोग करेंगे। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती पाठ, दुर्गा सप्तशती के बीज मंत्र का जप, शतचंडी पाठ, श्रीमद्देवी भागवत, श्री रामचरित मानस पारायण पाठ के अनुष्ठान किए जाते हैं। मंदिरों एवं घरों में 29 सितम्बर से आठ अक्टूबर तक अनुष्ठान किए जाएंगे।

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विशेष मुहूर्त
सुबह 7.30 से सुबह 10.23 बजे
दोपहर 1.40 से शाम 4.30 बजे
शाम 6.30 बजे से रात 9 बजे

धूमधाम से होती है उपासना
संस्कारधानी में नवरात्र में भगवती की उपासना आस्था पूर्वक की जाती है। प्राचीन मंदिर त्रिपुर सुंदरी तेवर, बूढ़ी खेरमाई मंदिर, बड़ी खेरमाई मंदिर, शीतला माता मंदिर कांचघर, शारदा मंदिर मदन महल में काफी संख्या में देवी भक्ति धार्मिक अनुष्ठान एवं पूजन करते हैं। वहीं दुर्गोत्सव समितियों के लोग तैयारियों में जुट गए हैं। पंडाल तैयार किए जा रहे हैं और मूर्तिकार मूर्तियों को अंतिम आकार और स्वरूप देने लेगे हैं।

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