जबलपुरPublished: Jan 24, 2020 09:32:39 pm
shyam bihari
पांच साल में फीकी पड़ी चमक, फिर करोड़ों खर्च की तैयारी
Narmada
जबलपुर। ग्वारीघाट व तिलवाराघाट को संवारने के नाम पर जबलपुर नगर निगम के जिम्मेदारों ने लाखों रुपए खर्च किए। आठ सौ किलोमीटर दूर धौलपुर से मंगाए गए पत्थरों से इन तटों को लाल रंग में रंग दिया गया। दावा था कि तट कई दशक तक सुरक्षित रहेंगे, लेकिन पांच साल में तट बेनूर हो गए। तट में बनाए गए गुंबद ध्वस्त हो गए, पत्थर उखड़ गए। अब फिर से तटों क ो संवारने के नाम पर फिर ढाई करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी है। इसी तरह शहर में डिवाइडर बनाने, उन्हें फिर तोड़कर नए बनाने और भवनों के पुनरुद्धार के नाम पर नगर निगम करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहा है। सूत्रों की मानें तो बार-बार निर्माण निगम के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के लिए मोटा कमीशन पाने का जरिया बन गया है।
डिवाइडर तोड़कर फिर निर्माण शुरू
एमआर 4 में गढ़ा ओवर ब्रिज से लेकर दीनदयाल दयाल चौक के बीच मुख्य सड़क व सर्विस सड़क दोनों के बीच में आकर्षक व व्यवस्थित डिवाइडर बने थे। पांच साल में सीवर लाइन बिछाने के दौरान इस सड़क को खो दिया गया, डिवाइडर भी तहस-नहस कर दिए गए। हरियाली खत्म कर गई। अब स्मार्ट सिटी योजना के तहत ऊंचे डिवाइडर बनाए जा रहे हैं। हद तो ये डिवाइडर व फु टपाथ में छत के बराबर विड्थ का कांक्रीडेड बेस तैयार किया जा रहा है। जिसमें पेड़ लगाना भी सम्भव नहीं होगा।
बार-बार रिनोवेशन
राइट टाउन स्थित मानस भवन का तीन दशक में चार बार रिनोवेशन किया जा चुका है। सूत्रों की मानें तो रिनोवेशन में अब तक करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके हैं। तकनीकी जानकारों की मानें तो इससे कम राशि में पुराने हो चुके मानस भवन की जगह बहुमंजिला और मौजूदा दौर की आवश्यकता को पूरा करने वाला व्यवस्थित अत्याधुनिक प्रेक्षागृह तैयार किया जा सकता था। इंजी संजय वर्मा का कहना है कि शहर में किसी भी विकास कार्य की प्लानिंग करने में दूरदर्शिता होना चाहिए। एक ही काम बार-बार किए जाने से फिजूलखर्ची होती है, वहीं शहरवासियों को भी समस्या का सामना करना पड़ता है।