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शीशे जैसी चमकने थीं यहां की करोड़ों की सड़कें, लेकिन छह माह में ही चुभने लगीं

locationजबलपुरPublished: Jun 19, 2019 01:11:31 am

Submitted by:

shyam bihari

ब्लूम चौक, तीन पत्ती चौक व मालवीय चौक का हाल, अभी 14 और चौराहों का होना है विकास

Pole filling contractor rejected in model road, this big step taken by the department

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यह है स्थिति
-17 चौराहों का होना है विकास
-12 करोड़ रुपये होंगे खर्च
-03 चौराहों में लगाया गया है मेस्टिक ऐस्फाल्ट
जबलपुर। शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए चौराहों की सड़कों पर करोड़ों रुपए की लागत से मेस्टिक ऐस्फाल्ट लगाया जा रहा है। ब्लूम चौक, तीन पत्ती चौक व मालवीय चौक से शुरुआत की गई। छह महीने में ही इन चौराहों से गिट्टियां उखड़ गईं। इन चौराहों पर सतह की चमक भी चली गई। जबकि, वाहनों के चलने के साथ ही पुराना होने पर मेस्टिक ऐस्फॉल्ट की चमक बढ़ती है। ऐसे में चौराहों पर उपयोग की जा रही करोड़ों रुपए की सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
गुणवत्ता व गति नियंत्रण के लिए उपयोग
सामान्य बिटुमिन के मुकाबले ज्यादा टिकाऊ व मजबूत होने के कारण मेस्टिक ऐस्फाल्ट का उपयोग किया जाता है। इससे हुए निर्माण में डामर ब्लीडिंग नहीं होती। निचली सतह में पानी नहीं जाता। इस पर ज्यादा गर्मी का भी असर नहीं पड़ता। गिट्टी मिलाकर बनाए जाने पर वाहनों के टायर की ग्रिपिंग अच्छी बनती है। मोटाई ज्यादा होने के कारण ज्यादा भार वहन कर सकता है।
12-15 साल रखरखाव नहीं
मेस्टिक ऐस्फाल्ट पेट्रोलियम उत्पाद से निकला काला गाढ़ा तरल है। इसका इस्तेमाल सड़क निर्माण, चौराहों व हवाई पट्टी व जल रोधक बनाने के लिए किया जाता है। इसे ग्रेनो, एस्फाल्ट व बिटुमिन मिलाकर बनाते हैं। 12 से 15 साल तक इसकी मरम्मत की आवश्यकता नहीं होती है।
कें ट की सड़क-चौराहे यथावत
नगर निगम की ओर से स्मार्ट सिटी के तहत जिन चौराहों पर मेस्टिक ऐस्फाल्ट का इस्तेमाल किया गया, वे अभी से क्षतिग्रस्त होने लगे हैं। जबकि, पिछले दो साल में कें ट बोर्ड ने यादगार चौराहा, जीसीएफ रोड, सदर में गन चौक और गुरुनानक चौक समेत जिन अन्य स्पॉट पर मेस्टिक ऐस्फाल्ट का उपयोग किया, वे यथावत हैं।
12 करोड़ होंगे खर्च
स्मार्ट सिटी योजना के तहत 14 अन्य चौराहों का विकास मेस्टिक ऐस्फाल्ट से किया जाना है। कुल 17 चौराहों में मेस्टिक ऐस्फाल्ट लगाया जाना था। जिन पर 12 करोड़ रुपए राशि खर्च होना है। इनमें से तीन चौराहे विकसित हो चुके हैं। ये ठेका प्रकाश कं स्ट्रक्शन कं पनी को दिया गया था।

तीनों चौराहों में लगाए गए मेस्टिक ऐस्फाल्ट की गुणवत्ता जांच कराएंगे। निर्माण कार्य में अनियमितता पाए जाने पर सम्बंधित अधिकारियों व ठेकेदार के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
आशीष कुमार, आयुक्त, नगर निगम

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