SHIVRATRI FECTS – शिव जी और पार्वती यहां लेते हैं अग्रि के सात फेरे, सगाई के बाद सजता है मंडप
बसंत पंचमी को लगुन, दिया जा रहा न्यौता
मंदिर समिति अध्यक्ष सुशील सोनकर ने बताया कि शहर के सोनकर समाज द्वारा भरतीपुर स्थित शिव पार्वती मंदिर में पिछले 71 सालों से शिव पार्वती विवाह वैदिक रीति रिवाजों से सम्पन्न कराया जा रहा है। हर साल महाशिवरात्रि के पूर्व बसंत पंचमी के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की लगुन लिखी जाती है। इसके बाद महाशिवरात्रि के चार दिन पहले मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत मांगर माटी कलश यात्रा से होता है। इस बार यह कार्यक्रम11 फरवरी को होगा। इसके साथ ही घर-घर न्यौता भी दिया जा रहा है।
सोनकर के अनुसार 11 फरवरी को वर एवं वधू पक्ष द्वारा कलश यात्रा निकली जाएगी। 12 फरवरी को मागरमाटी और 13 फरवरी को मातृका पूजन व बड़ी हल्दी होगी। 14 फरवरी को महाशिवरात्रि को भगवान की बारात नगर भ्रमण पर निकलेगी। जिसमें पूरे समाज सहित समूची संस्कारधानी के लोग बाराती बनेंगे। बारात का समापन मंदिर प्रांगण में होगा। जहां द्वारचार के बाद भगवान की जयमाला होगी। देर रात को ब्राह्मणों की मौजूदगी में भगवान और माता की भांवर होंगी, पैर पूजने के लिए सैकड़ों लोग मौजूद रहेंगे। 15 फरवरी को माता पार्वती का विदाई समारोह होगा।
सुशील सोनकर ने बताया कि हर साल कोई दो परिवार वर व वधू पक्ष की जिम्मेदारी लेते हैं। 15 फरवरी को दोपहर में माता पार्वती विदाई धूमधाम से की जाएगी। जिसके साथ ही शिव पार्वती विवाह समारोह का विधिवत समापन होगा।