एल्गिन अस्पताल को अपग्रेड करने के साथ यहां समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाने की घोषणाएं की गई थीं लेकिन समय गुजरने के साथ कुछ नहीं हो सका। मरीजों के लिए वार्ड तैयार कर दिए गए हैं। ओटी पुरानी ही चल रही है। मरीजों की ओपीडी में बैठक व्यवस्था भी नाम की रह गई है, जबकि ओपीडी में रोजाना करीब 300 मरीज पहुंच रहे हैं।
ये है कलर डॉपलर
प्रसव के दौरान अजन्मे बच्चे को रक्त प्रवाह की समस्या हो सकती है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रसूता में किसी प्रकार की बीमारी आदि होने से प्रसव में परेशानी होती है, जिसे अल्टासाउंड और जरूरत पडऩे पर कलर डॉपलर से देखा जाता है। कलर डॉपलर के माध्यम से बिना किसी इंजेक्शन आदि से तरंगों के माध्यम से रक्त का प्रवाह देखा जाता है। यह खासकर उन प्रसूता में होता है, जो सिकल सेल, प्रीक्लेम्पसिया की होती हैं, इससे उच्च रक्तचाप गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है।
लगना था कलर डॉपलर
एल्गिन में करीब चार वर्षों से कलर डॉपलर लगाने की प्रक्रिया चल रही है लेकिन ये सुविधा मरीजों को नहीं दी जा सकी है। तात्कालिक अधीक्षक डॉ. नीरजा दुबे ने प्रस्ताव भी बनाकर भेजा था।
कहते हैं मरीज के परिजन
हम गौर के पास से आए हैं। हमारी बहू को डॉक्टर ने कलर डॉपलर जांच के लिए लिखा है, अस्पताल में नहीं होती है। बाहर पैसा ज्यादा लग रहा है।
सुदामा गौंड़
रात के समय डॉक्टर ने हमारी बहन को ऑपरेशन के लिए कह दिया था लेकिन कलर डॉपलर कराने कहा। रात में ही उसे नेपियर टाउन में ले जाकर जांच करवाई।
सुनीता अहिरवार
एक्स-रे और सोनोग्राफी है। कलर डॉपलर प्रक्रिया में है, जो जल्द स्थापित किया जाएगा।
डॉ. संजय मिश्रा, सम्भागीय निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं