जबलपुर। कोरोना आपदा में कमाई का अवसर देखे जाने से जबलपुर शहर में मरीजों की जान जोखिम में पडऩे का खतरा बन गया है। कोरोना के भय को भुनने के लिए कुछ निजी अस्पताल और कारोबारियों ने अब खाली भवनों को अपना नाम देकर कोविड मरीजों को भर्ती करना शुरूकर दिया है। इन कोविड केयर सेंटर में सस्ती दर में अस्पताल जैसी सुविधा देने के दावा किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत में इन कोविड केयर सेंटर में अस्पताल जैसी सुविधा का अभाव है। डॉक्टर रूटीन राउंड पर नियमित नहीं आते। कुछ जगह प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ नहीं है। बस अस्पताल और डॉक्टर के नाम का बोर्ड बाहर टांगकर मरीजों को भर्ती करके उपचार शुरूकर दिया गया है।
कमाई के फेर में स्वास्थ्य सेवाओं से सम्बंधित नियम तार-तार हो रहे हैं। जगह-जगह उग रहे इन सेंटर के पास उपचार, दवा और बायोमेडिकल वेस्ट के डिस्पोजल सहित जरूरी किसी प्रकार की अनुमति तक नहीं है। शहर में कोरोना की दस्तक के समय संसाधनों की कमी के चलते संक्रमण की रोकथाम के लिहाज से कुछ निजी होटलों को क्वारंटीन सुविधा के लिए अधिकृत किया था। संक्रमित की संख्या बढऩे और हॉस्पिटल में बिस्तर की कमी होने पर कुछ निजी अस्पतालों ने नजदीकी होटल, बारातघर और किराए के हॉल में कोविड ट्रीटमेंट के पैकेज जारी कर दिए। इसमें ज्यादातर सामान्य लक्षण वालें मरीजों को भर्ती कर रहे हैं, लेकिन उपचार सम्बंधी आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना ही कोविड मरीजों का उपचार किया जा रहा हैं। मरीजों को दवा, इंजेक्शन से लेकर ऑक्सीजन तक दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार प्रशासन को कोविड केयर सेंटर शुरूकरने का एक सूचना पत्र देकर प्राप्त की गई पावती के आधार पर मरीजों का उपचार शुरूकर दिया।