गूंजी रामधुन
सिहोरा भाजपा कार्यालय, राम मंदिर जबलपुर, श्रीमानस मंडल गढ़ा समेत अन्य स्थानों पर शुक्रवार को रामधुन का आयोजन किया गया। इस दौरान भगवान राम के नाम का संकीर्तन करके पं. वाजपेयी की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान देने की कामना की गई।
कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि
नगर कांग्रेस कमेटी के तत्वावधान में गांधी भवन टाउन हाल में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष शोकसभा आयोजित की गई, जिसमें पं. वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। कार्यक्रम में कांग्रेस नगर अध्यक्ष दिनेश यादव, कांग्रेस नेता विनय सक्सेना, पार्षद पंकज पांडेय, मुकेश राठौर, टीकाराम कोष्टा, शैलेश राठौर, पूर्व मंत्री कौशल्या गोंटिया, इंदिरा तिवारी पाठक समेत अन्य पदाधिकारी शामिल रहे। वरिष्ठ पत्रकार निर्मल नारद के पुत्र विकास नारद ने पं. वाजपेयी के निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति निरूपित किया।
अपूरणीय क्षति : महापौर
अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर महापौर डॉ. स्वाति गोडबोले ने गहरा दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने उनके निधन को भारतीय राजनीति और देश के लिए अपूरणीय क्षति बताया।
राजनीति का कोहिनूर खो दिया
कांग्रेस पार्षद दल ने कहा कि राजनीति का कोहिनूर सदा के लिए जुदा हो गया। कांग्रेस पार्षद दल के नेता राजेश सोनकर विनय सक्सेना, नीतू तेज कुमार भगत, मुकेश राठौर, गुड्डू नबी, आजाद अंसारी ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
सियासत के सूर्य का अस्त
भाजपा नर्मदा सेवा प्रकल्प के प्रदेश संयोजक डॉ. जितेंद्र जामदार ने कहा कि सियासत के सूर्य का अस्त हो गया। मप्र जूनियर लॉयर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत अवस्थी, सहसंयोजक असीम त्रिवेदी, पंकज तिवारी, राजेश खरे, गोपाल जायसवाल, दीपक सिंह, रीतेश शर्मा, मनोज यादव ने भी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजली अर्पित की।
महाकोशल उद्योग संघ
महाकोशल उद्योग संघ की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। संघ के महासचिव डीआर जेसवानी ने कहा गया कि वाजपेयी ने औद्योगिकीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किए।
प्रेरणादायी व्यक्तित्व
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने कहा कि देश की राजनीति में सकारात्मक सोच के जननेता के रूप में उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनका चमत्कारिक व्यक्तित्व सदैव प्रेरणादायी बना रहेगा। कई मौकों पर उनका सानिध्य प्राप्त हुआ, जो मेरे जीवन की पूंजी के समान है।
हार नहीं मानूंगा रार नहीं ठानूंगा
हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूं, गीत नया गाता हूं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने बड़ा फु हारा में महावीर जयंती पर आयोजित कवि सम्मेलन में ये कविता पाठ किया था। राज्यमंत्री शरद जैन बताया कि इस अवसर पर भारी भीड़ उमड़ी थी। राज्यमंत्री जैन ने अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित की।
अटल जी का जाना वैश्विक क्षति
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी का निधन वैश्विक क्षति है। अपने सर्वग्राही और सर्वस्पर्शी व्यवहार से न सिर्फ देश में बल्कि राष्ट्र की सीमाओं से परे विश्व में उन्होंने अलग मुकाम बनाया।
मजदूरों के सम्मेलन में आखिरी पड़ाव
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आखिरी बार 25 नवम्बर 2004 को जबलपुर आए थे। सुरक्षा संस्थानों के प्रमुख संगठन भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ (बीपीएमएस) के 11वें राष्ट्रीय अधिवेशन में वह बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। यह कार्यक्रम आयुध निर्माणी खमरिया के आरटीआई मैदान में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में सुरक्षा मजदूरों ने प्रदेश में प्रोफेशनल टैक्स खत्म करने की मांग उठाई थी। कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, बीपीएमएस के तत्कालीन महामंत्री गिरीश अवस्थी, वर्तमान अध्यक्ष नरेन्द्र तिवारी, राजेन्द्र सिंह, सांसद राकेश सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी सहित कई बड़ी हस्तियां मौजूद थीं।
कामरेड के परिवार को दी थी सांत्वना
आयुध निर्माणी खमरिया के वरिष्ठ कर्मचारी नेता कामरेड रामशंकर रजक की मृत्यु के बाद अटल बिहारी वाजपेयी 1988 में जबलपुर आए थे। सिविल लाइन निवासी आरएसएस के सक्रिय सदस्य सुदामा प्रसाद के पुत्र रामशंकर रजक और करीब 56 लोगों की मौत नदी में बस गिरने से हो गई थी।
शादी में भेजा बधाई संदेश
वरिष्ठ पत्रकार निर्मल नारद के पुत्र विकास नारद पिता से सुने किस्से बताते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी का व्यक्तित्व बेहद सहज और सरल है। 70 के दशक में वाजपेयी शहर आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से सर्किट हाउस में मुलाकात की। पिता (निर्मल नारद) सहित अन्य पत्रकारों ने उनसे मौजूदा राजनीति पर कई सवाल किए। पिता बताते है कि वाजपेयी के जवाबों में दूरदृष्टि होती थी। हर किसी को प्रभावित करने का सहज आकर्षण था उनके व्यक्तित्व में। पिता ने मेरे (विकास) विवाह में आमंत्रित किया तो उन्होंने सहर्ष आमंत्रण स्वीकार किया। उस वक्त वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। व्यस्तता के कारण नहीं आए पा रहे थे तो उन्होंने बधाई संदेश पत्र प्रेषित किया।